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आज से दशलक्षण महापर्व की शुरुआत, पहले दिन होगा उत्तम क्षमा का विधान

शहर के जैन मंदिरों में पर्व को लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं। मंदिरों को रंग बिरंगी लाइट व फूलों से सजाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 08:54 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 08:54 PM (IST)
आज से दशलक्षण महापर्व की शुरुआत, पहले दिन होगा उत्तम क्षमा का विधान
आज से दशलक्षण महापर्व की शुरुआत, पहले दिन होगा उत्तम क्षमा का विधान

जागरण संवाददाता, नोएडा : दिगंबर जैन समाज का दशलक्षण महापर्व रविवार से शुरू हो रहा हैं। 10 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को लेकर दिगंबर जैन मंदिरों में कोविड-19 की गाइडलाइन के चलते पूजन व शांतिधारा केवल पुजारी ही करेंगे। धार्मिक अनुष्ठान व व्रत घर पर रहकर करने होंगे। मंदिरों में सीमित समय के लिए ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। शहर के जैन मंदिरों में पर्व को लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं। मंदिरों को रंग बिरंगी लाइट व फूलों से सजाया गया है। पूजा के लिए करनी होगी एडवांस बुकिग

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सेक्टर-27 स्थित जैन मंदिर में पूजा के लिए एडवांस में बुकिग करनी होगी। मंदिर समिति के प्रबंधक सुबोध जैन ने बताया कि धर्म के 10 लक्षणों का पालन करने की शिक्षा देने वाले इस पर्व को दशलक्षण महापर्व कहते हैं। इन दिनों में त्याग और संयम के साथ शारीरिक और मानसिक तप से आत्मशुद्धि की जाती है। प्रतिदिन जैन मंदिर में भगवान का अभिषेक किया जाएगा व शाम को आरती होगी। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए समाज ने सभी सामूहिक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं करने का निर्णय लिया है। शासन से जारी निर्देशों का पालन किया जाएगा। पर्व के दस दिनों तक श्रावक अपने-अपने संकल्प लेकर व्रत उपवास रखेंगे।

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एक समय में दो व्यक्ति ही करेंगे भगवान का अभिषेक

सेक्टर-50 स्थित जैन मंदिर में किसी को भी परिसर में बैठकर पूजा करने की अनुमति नहीं होगी। दर्शन के बाद व जाने से पूर्व एक बार ही सूखी सामग्री आगे रखी टेबल पर चढ़ा सकते हैं। मंदिर परिसर में शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए घेरे बनाए गए है। समिति के संरक्षक दिनेश जैन ने बताया कि कोविड-19 के चलते कोई सामूहिक कार्यक्रम नहीं होगा। श्रद्धालुओं को सीमित समय के लिए सीमित संख्या में ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा। घर पर शुद्ध भावना से व्रत पालन व पूजन का फल उतना ही पुण्यदायक है, जितना मंदिर में होता है। मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 12.30 तक और शाम 5 बजे से 9 बजे तक खुला रहेगा। इसके अलावा अभिषेक के लिए इन दस दिनों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। दो व्यक्ति ही भगवान का अभिषेक और शांतिधारा कर पाएंगे।


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