निजी कंपनी का सीईओ बनकर मिला था आलोक : डॉ. महेश शर्मा
केन्द्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा ने ब्लैकमेलिग की कोशिश की घटना क्रम को मीडिया के सामने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि 24 मार्च को एक व्यक्ति ने रचना आईटी सॉल्यूशन के सीईओ रूप में आलोक कुमार मुझसे मिला था। उसे ऊषा ठाकुर लेकर आई थी जिनसे मेरा 20 वर्षो से संबंध हैं। उस व्यक्ति ने कहा कि हमारी कंपनी आपकी चुनाव में कुछ मदद करना चाहती है। वह चुनाव की मदद 60 मैनेजर और 200-300 कर्मचारी देंगे जो डोर टू डोर जाकर प्रचार करते हैं। इसके बाद अपने छोटे भाई से बात करने के लिए बोल दिया कि उनसे बात करें कि आप चुनाव प्रचार में क्या मदद करना चाहते हैं। उसके बाद 9 अप्रैल को इनका फोन आया कि जब हम मिले थे तो एक स्टिग ऑपरेशन किया है। उस स्टिग के एवज में प्रतिनिधि चैनल जो चलाता हूं वह चैनल घाटे में चला गया है। उस चैनल में आप शेयर डाल दे या खरीद लें। मैं उस चैनल को चला दूंगा।
फोटो एनओबी 24, 25
जागरण संवाददाता, नोएडा : केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने मीडिया को बताया कि 24 मार्च को आलोक कुमार रचना आईटी सॉल्यूशन के सीईओ रूप में मिला था। उसे ऊषा ठाकुर लेकर आई थी। ऊषा से मेरे 20 वर्षो से संबंध हैं। आलोक ने कहा कि हमारी कंपनी चुनाव में आपको कुछ मदद करना चाहती है। वह 60 मैनेजर और 200-300 कर्मचारी देंगे, जो डोर टू डोर जाकर प्रचार करते हैं। मैंने छोटे भाई अजय शर्मा से बात करने के लिए बोल दिया। उसके बाद 9 अप्रैल को आलोक का फोन आया कि जब हम मिले थे, उस दौरान एक स्टिग ऑपरेशन किया है। उस स्टिग के एवज में प्रतिनिधि चैनल में आप शेयर डाल दें या खरीद लें। मैं उस चैनल को चला दूंगा। मैंने 11 अप्रैल के बाद मिलने की बात कही। रविवार शाम को जानकारी मिली कि आलोक स्टिग को चैनल पर चलाने की धमकी दे रहा है। इसके बाद हमने अपने लोगों से उससे बात करने को कहा। इसके बाद सोमवार सुबह ऊषा ठाकुर कैलाश अस्पताल आई और यहां सेवानिवृत्त केके गौतम जी भी यहां थे। एक लड़की मेरे भाई अजय शर्मा के ऑफिस में आई। उसने कहा कि आलोक कुमार बाहर हैं। उन्होंने मुझे भेजा है। उसने एक पत्र भी दिया। उस पत्र में लिखा था कि मुझे आज शाम चार बजे तक न्यूनतम 50 लाख चाहिए और बुधवार तक पूरा दो करोड़ कैश करवा दें। इस रकम से मैं अपने तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लूंगा। पांच मई तक एक नई कंपनी बन जाएगी। इसमें 40 प्रतिशत शेयर आपका होगा और 60 फीसद शेयर मेरा होगा। सात से आठ करोड़ रुपये का लोन दो साल के लिए एकदम सरल शर्तो में भी मांगा गया। पत्र में यह भी लिखा गया था कि इन शर्ताें को कोई ब्लैकमेल न समझे। यह हम दोनों के लिए जरूरी है। यह पत्र मिलने की जानकारी के बाद मैं अजय शर्मा के कमरे में गया। दोपहर 1:30 बजे मैंने एसएसपी वैभव कृष्ण को फोन कर ब्लैकमेलिग की जानकारी दी। पुलिस के आते ही आलोक कुमार चले गए। वहीं लड़की के पास से एक टैब में कुछ रिकार्डिंग और एक रिकार्डर मिला है। लड़की से मेरा परिचय नहीं हुआ है। शायद मैं उसे नहीं पहचानता, शायद वह भी मुझे नहीं पहचानती। पुलिस ने ढाई तीन घंटे तक जांच की। मुझे बताया गया है कि तीन-चार और मंत्री का स्टिग कर रखे हैं। वह लगातार फोन कर धमकी दे रहा है, वह वाट्सएप कॉल करता है।