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प्राधिकरण कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को बेचकर राजस्व में करेगा बढ़ोत्तरी

प्राधिकरण व्यवसायिक संपत्तियों को बेचकर राजस्व में बढ़ोतरी करेगा। इसके लिए नया प्लान तैयार किया गया है जिसके तहत सेक्टर के अंदर जो शॉपिग सेंटर है उनका फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 2.0 है। इनकी दरों में 15 फीसद की कमी की जा रही है। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर अनुमोदित करने के लिए शासन को भेजा है। वहां से अनुमति मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा 4.0 एफएआर व मुख्य बाजारों में व्यवसायिक भूखंडों की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 09:04 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:13 AM (IST)
प्राधिकरण कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को बेचकर राजस्व में करेगा बढ़ोत्तरी
प्राधिकरण कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को बेचकर राजस्व में करेगा बढ़ोत्तरी

कुंदन तिवारी, नोएडा :

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प्राधिकरण व्यवसायिक संपत्तियों को बेचकर राजस्व में बढ़ोत्तरी करेगा। नया प्लान तैयार है। सेक्टर के अंदर जो शॉपिग सेंटर हैं, उनका फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 2.0 है। इनकी दरों में 15 फीसद की कमी की जा रही है। प्रस्ताव को शासन की मंजूरी के लिए भेजा गया है। 4.0 एफएआर व मुख्य बाजारों में व्यवसायिक भूखंडों की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है।

प्राधिकरण अब तक सात बार व्यवसायिक परियोजनाएं निकाल चुका हैं, लेकिन लोगों ने इनमें रुचि नहीं ली है। अब तक सिर्फ एक भूखंड का आवंटन हुआ है। इसीलिए इस बार व्यवसायिक भूखंडों की दरों का पुनर्निर्धारण किया गया। वर्तमान में व्यवसायिक दरों को सेक्टर श्रेणी के साथ-साथ भूखंड क्षेत्रफल के क्रम में चार भागों में वर्गीकृत किया गया। इसमें 100 वर्ग मीटर, 100 से 1000 वर्ग मीटर, 1000 से 10 हजार वर्ग मीटर व 10 हजार से बड़े भूखंड रखे गए हैं।

विभाग के अनुसार व्यवसायिक भूखंडों की क्रियाशीलता के अध्ययन से स्पष्ट हुआ कि मास्टर प्लान कॉमर्शियल शहर के मुख्य हिस्सों में ही है। ऐसे में वहां भूखंडों की दर अधिक होना स्वाभाविक है। सेक्टर कॉमर्शियल की दर मास्टर प्लान कॉमर्शियल से कम होना चाहिए। इस तरह के शॉपिग सेंटर ब्लॉक के अंदर होते हैं। यहां दैनिक प्रक्रिया में प्रयोग होने वाली वस्तुओं की दुकानें होना स्वाभाविक है। इनका एफएआर 2.0 है।

इन भूखंडों के आवंटन के लिए भी प्राधिकरण योजनाएं निकाल चुका है लेकिन प्राधिकरण को असफलता ही हाथ लगी थी। इसका मुख्य कारण इन भूखंडों का रिजर्व प्राइज काफी ज्यादा होना था। इनके भूखंडों के रिजर्व प्राइज में 15 फीसद की कमी की गई है। भूखंडों का आवंटन नीलामी के आधार पर ही किया जाएगा। एफएआर 4.0 वाले कॉमर्शियल भूखंडों के रिजर्व प्राइज में बदलाव नहीं किया गया। कयास लगाए जा रहे हैं कि इनके रिजर्व प्राइज में बदलाव किया जा सकता है। शुरुआत 10 फीसद से हो सकती है। यह कमी तब तक होती रहेगी जब तक इन भूखंडों के खरीदार न आने लगे। बहरहाल इस पर विचार किया जा रहा है।

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एनसीआर के अन्य प्राधिकरण से कई गुना हैं दरें

व्यवसायिक भूमि की आरक्षित दरों के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, मेरठ विकास प्राधिकरण की दरों से तुलना की गई। इन दोनों प्राधिकरण में कॉमर्शियल आरक्षित दर आवासीय दर का दो गुना है। जबकि नोएडा प्राधिकरण में यह दरें आवासीय की दरों का करीब 4.3 गुना है। इतनी बढ़ोत्तरी कॉमर्शियल भूखंडों की सभी चार श्रेणी में है। जिसको देखने के बाद भी एफएआर 2.0 के भूखंडों के आरक्षित दरों में कमी गई।

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व्यवसायिक संपत्ति (2.0 एफएआर)

भूखंड वर्तमान-प्रस्तावित दर वर्तमान-प्रस्तावित दर वर्तमान-प्रस्तावित दर वर्तमान-प्रस्तावित दर कमी

श्रेणी-ए श्रेणी-बी श्रेणी-सी श्रेणी-डी

100 वर्गमीटर 4.45/3.7825 3.15/2.6775 2.87/2.4395 2.40/2.04 15 फीसद

101 से 1000 वर्गमीटर तक 4.00/3.40 2.59/2.2015 2.40/2.04 1.96/1.666 15 फीसद

1001 से 10 हजार वर्ग मीटर तक 3.60/3.06 1.66/1.411 1.59/1.3515 1.48/1.2580 15 फीसद

10001 वर्गमीटर से अधिक 1.86/1.5810 1.59/1.3515 1.43/1.2155 1.21/1.0285 15 फीसद


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