कैग की आपत्तियों के बाद आवंटन नीति को बदलेगा प्राधिकरण
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की आपत्तियों के बाद नोएडा प्राधिकरण अपनी आवंटन नीति बदलने की तैयारी में है।
जागरण संवाददाता, नोएडा :
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की आपत्तियों के बाद नोएडा प्राधिकरण अपनी आवंटन नीति बदलने की तैयारी में है। आवंटन में मिलने वाली कई छूट अब खत्म होगी। वहीं आवंटन से पहले आवेदक की वित्तीय स्थिति की भी जांच होगी। विशेष रूप से बिल्डरों को होने वाले आवंटन में इसे विशेष तौर पर परखा जाएगा कि बिल्डर ने पूर्व में कितने भूखंड लिए हैं। इन भूखंडों पर कितने समय में निर्माण कार्य पूरा किया है। प्राधिकरण का बकाया भुगतान समय से किया अथवा नहीं। बिल्डर की क्षमता कितनी है। उसे कितनी जमीन पर कितने बड़े प्रोजेक्ट का आवंटन किया जा सकता है।
गौरतलब है कि कैग ने नोएडा प्राधिकरण की प्रापर्टी आवंटन के नियम व शर्तों पर सवाल खड़े किए थे। इसे लेकर कई बार कैग के अधिकारियों की प्राधिकरण अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई है। इसी क्रम में बुधवार को नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग से कैग के अधिकारियों ने बैठक की। इसमें ग्रुप हाउसिग, वाणिज्यक और स्पोर्ट्स सिटी को लेकर चर्चा हुई। इनके आवंटनों में नियमों में किए गए बदलाव और छूट का लाभ सिर्फ बिल्डरों को मिला। नोएडा प्राधिकरण को कई तरह से नुकसान हुआ। जमीन आवंटन के रूप में मिलने वाले करोड़ों रुपये अब तक अटके हुए हैं। ऐसे में आवंटन की नीतियों और शर्तों पर सवाल भी खड़े किए गए।
कैग की अगली बैठक अगले सप्ताह दोबारा होगी। कैग की लगातार आपत्तियों के बाद अब नोएडा प्राधिकरण फिर से आवंटन की नीतियों में बदलाव करने की तैयारी में है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि आवंटन कराने के लिए न्यूनतम 10 प्रतिशत धनराशि को बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया जा सकता है। संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रखने के नियमों में भी बदलाव हो सकता है। इसके अलावा अब आवंटन से पहले यह भी पता लगाया जाएगा कि जो आवेदक हैं, उसकी वित्तीय स्थिति और पूर्व में प्राधिकरण के साथ अनुभव कैसा रहा है। आवेदन डिफाल्टर सूची में तो नहीं हैं। उसने पूर्व में जमीन आवंटन कराने के लिए प्राधिकरण को किए जाने वाले सभी प्रकार के भुगतान समय से किए हैं अथवा नहीं।
बॉक्स..
इन परियोजनाओं पर कैग ने लगाई थी आपत्ति यूनिटेक प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर-96, 98
यूनिटेक लिमिटेड सेक्टर-117
यूनिटेक लिमिटेड सेक्टर-113
यूनिटेक लिमिटेड सेक्टर-143 जीएच-002 (सरेंडर भूखंड)
सुपरटेक लिमिटेड सेक्टर-74
यूनिटेक लिमिटेड सेक्टर-117,113
महागुन सेक्टर-78 जीएच-2
ग्रेनाइट गेट सेक्टर-110 जीएच-5
अंबिका सेक्टर-115 जीए-5
यूनिटेक सेक्टर-144 जीएच-3