यूनीटेक पर प्राधिकरण ने कसा शिकंजा
प्राधिकरण ने सबसे बड़े बकायेदार यूनीटेक पर शिकंजा कस दिया गया है। यूनीटेक को 5 दिनों का अल्टीमेंटम देकर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न आने व प्राधिकरण का बकाया जमा नहीं करने पर यूनीटेक को आवंटित किए गए भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही भू-राजस्व की तरह आरसी कर वसूली की जाएगी। इसके इतर यूनीटेक की ओर से पीएसपी के तहत किए गए आवेदन को प्राधिकरण ने निरस्त कर दिया है। दरअसल प्राधिकरण ने यूनीटेक को सेक्टर-113 जीएच-1 व सेक्टर-117 में जीएच-1 आवंटित है। इसमे सेक्टर-113 वाले भूखंड के लिए 1203.45 करोड़ व सेक्टर-117 के लिए 1539.
जागरण संवाददाता, नोएडा : प्राधिकरण ने सबसे बड़े बकायेदार यूनीटेक को पांच दिनों का अल्टीमेटम देकर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न आने व प्राधिकरण का बकाया जमा न करने पर यूनीटेक को आवंटित किए गए भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही भू-राजस्व की तरह आरसी कर वसूली की जाएगी। इसके इतर यूनीटेक की ओर से पीएसपी के तहत किए गए आवेदन को प्राधिकरण ने निरस्त कर दिया है।
दरअसल, प्राधिकरण ने यूनीटेक को सेक्टर-113 जीएच-1 व सेक्टर-117 जीएच-1 में भूखंड आवंटित किए हैं। इसमें सेक्टर-113 वाले भूखंड के लिए 1203.45 करोड़ व सेक्टर-117 के लिए 1539.84 करोड़ रुपये का भुगतान बिल्डर ने प्राधिकरण को नहीं किया है। जीएच-1 सेक्टर-117 के लिए यूनीटेक ने प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी के लिए आवेदन किया था। जिसे प्राधिकरण ने निरस्त कर दिया है। बता दे इन दोनों भूखंड के एवज में बकाया रकम जमा करने के लिए प्राधिकरण ने 24 अगस्त 2019 व 30 अगस्त 2019 को नोटिस जारी किए थे लेकिन कोई भी जवाब न आने पर यह कार्रवाई मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी के निर्देश पर बुधवार को प्राधिकरण की ग्रुप हाउसिग ने कर दी है।
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बिना मानचित्र पास कराए खड़े कर दिए 17 टावर
इसके अलावा जांच पड़ताल में सामने आया कि यूनीटेक ने जीएच-1 सेक्टर-113 पर प्राधिकरण का बकाया होने के बावजूद बिना मानचित्र पास कराए 17 टावरों का आंशिक एवं पूर्ण निर्माण करवा लिया है जोकि नोएडा बिल्डिग रेगुलेशन 2010 के अध्याय-2 की धारा-4 का उल्लंघन है।
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यूनिटेक ने लीज की शर्तों का उल्लघंन किया
यही नहीं बिना अनुमति लिए ही यूनिटेक ने मेसर्स सेठी रेजिडेंट्स व मेसर्स जीएमए डेवलपर्स के साथ 19 हजार 181.50 वर्गमीटर पर एग्रीमेंट टू सेल कर थर्ड पार्टी बनाने का प्रयास किया। यह भी लीज की शर्तों का उल्लघंन है। ऐसे में दोनों ही मामलों में प्राधिकरण ने यूनीटेक से 15 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि यदि यूनिटेक की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता साथ ही वह बकाया धनराशि जमा नहीं करता। ऐसी स्थिति में भूखंड आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही आरसी जारी कर भू-राजस्व की तरह बकाया वसूल किया जाएगा।