प्राधिकरण कर्मचारियों की निजी अस्पतालों में इलाज पर प्रतिपूर्ति बहाल
नोएडा प्राधिकरण कर्मचारियों के लिए निजी अस्पतालों में इलाज पर व्यय की प्रतिपूर्ति पूर्व की भांति बहाल कर दी गई है। राज्य सरकार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया है। इससे नोएडा प्राधिकरण के करीब 1400 अधिकारी व कर्मचारी को सीधा फायदा होगा। दरअसल एक जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 9 मार्च 201
जागरण संवाददाता, नोएडा :नोएडा प्राधिकरण कर्मचारियों के लिए निजी अस्पतालों में इलाज पर व्यय की प्रतिपूर्ति पूर्व की भांति बहाल कर दी गई है। राज्य सरकार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया है। इससे नोएडा प्राधिकरण के करीब 1400 अधिकारी व कर्मचारी को सीधा फायदा होगा।
दरअसल एक जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 9 मार्च 2018 को आदेश जारी किया। इसके तहत एक बड़ी संख्या में कर्मचारियों की निजी अस्पतालों में चिकित्सा प्रतिपूर्ति पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से इस मामले में पैरवी की जा रही थी। 11 जनवरी 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने इस आदेश को खारिज करते हुए दोबारा से प्रतिपूर्ति को लागू कर दिया। बताते चले नोएडा एम्पलाइज एसोसिएशन (एनइए) के चुनावों में तीनों पैनल चौधरी कुशलपाल, राजकुमार चौधरी, अर¨वद भाटी ने प्रमुखता के साथ इस मुद्दे को अपने एजेंडे में शामिल किया था। घोषणा की गई थी कि चुनाव जीतने के बाद प्राथमिकता के तौर पर मेडिकल सुविधा को दोबारा से लागू करवा दिया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद नोएडा एम्प्लाइज एसोसिएशन अध्यक्ष राजकुमार चौधरी के नेतृत्व में सोमवार को नोएडा प्राधिकरण चेयरमैन आलोक टंडन से मुलाकात की और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा बहाल होने पर उनके सहित सरकार को बधाई दी।
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श्रेय लेने की होड़ में जुटे पदाधिकारी
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद एक बार फिर से नोएडा प्राधिकरण में राजनीति गरमा गई है। नोएडा एम्प्लाइज एसोसिएशन (एनइए) के चुनाव के दौरान एक दूसरे खिलाफ ताल ठोकने वाले पैनलों ने इसका श्रेय लेने की होड़ शुरु कर दी है। एनइए अध्यक्ष राजकुमार चौधरी ने फैसला आने के साथ ही राज्य सरकार, मुख्यमंत्री, औद्योगिक विकास मंत्री व प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी के प्रयास की सराहना की है। जबकि अर¨वद भाटी ने कहा कि इस मामले पर सबसे पहले एसएलपी मेरी ओर से स्वयं दायर की गई थी, ऐसे में प्राधिकरण कर्मचारियों के हित में फैसला आने का पूरा श्रेय मेरे पैनल को जाता है। इसके साक्ष्य भी एनइए चुनाव के दौरान कर्मचारियों को दिए गए थे।