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औद्योगिक क्षेत्र में किराए पर चल रही संस्थागत-व्यावसायिक कंपनियां

जागरण संवाददाता, नोएडा : औद्योगिक सेक्टरों में किराए के नाम पर धड़ल्ले से स्टांप चोरी हो

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 09:18 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 09:18 PM (IST)
औद्योगिक क्षेत्र में किराए पर चल रही संस्थागत-व्यावसायिक कंपनियां
औद्योगिक क्षेत्र में किराए पर चल रही संस्थागत-व्यावसायिक कंपनियां

जागरण संवाददाता, नोएडा : औद्योगिक सेक्टरों में किराए के नाम पर धड़ल्ले से स्टांप चोरी हो रही है। यहां उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए भूखंड का आवंटन किया गया था, लेकिन औद्योगिक इकाइयों में व्यवसायिक-संस्थागत गतिविधियां धड़ल्ले से चल रही है। उद्यमियों ने कागजों पर कम किराया दिखाकर समझौता किया। जबकि किराये के नाम पर इनसे कई हजारों रुपए वसूल रहे हैं। जिसमें कुछ रकम सीधे नकद में और शेष समझौते के तहत ली जा रही है। ऐसे में स्टांप एक्ट की अनुसूचित ख के अनुछेद 35 के अनुसार जगह को एक साल से अधिक अवधि के लिए किराये पर लेने पर कुल किराये के दो प्रतिशत की दर से स्टांप जमा कर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, एक साल से कम के किरायेनामें पर भी दो प्रतिशत से स्टांप लगाना अनिवार्य है। इसके लिए 30 सितंबर अंतिम तरीख तय है। इसके बाद नियनानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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औद्योगिक सेक्टरों की बात की जाए तो अकेले फेज-वन औद्योगिक सेक्टरों में 4500 भूखंड उद्यामियों को आवंटित है। इसमे 8000 से ज्यादा कंपनियां चल रही है। कुछ भूखंड पर ही नियमानुसार उद्योग चल रहे है। अधिकांश पर संस्थागत व व्यवसायिक गतिविधियों चल रही है। जबकि प्राधिकरण बॉयलाज के तहत औद्योगिक भूखंड पर चलने वाली इस तरह की गतिविधियों को अवैध माना जाता है। नियमों की अनदेखी करने पर प्राधिकरण लीज डीड भी रद कर सकता है। हाल ही में प्राधिकरण द्वारा ऐसे 500 लोगों को नोटिस जारी किए गए थे। निबंधन विभाग को इस वजह से राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। निबंधन विभाग द्वारा सेक्टरों में औद्योगिक इकाइयों का भौतिक निरीक्षण किया जा रहा है। अब तक 70 औद्योगिक इकाइयों को चिह्नित किया जा चुका है। जिलाधिकारी बीएन ¨सह ने किरायेदारों को स्टांप ड्यूटी विभाग के साथ अपने समझौतों को पंजीकृत करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किराये पर रहने या आफिस चलाने वाले लोग कानून के अनुसार स्टांप डयूटी विभाग के साथ पंजीकृत हो जाएं। अन्यथा की स्थिति में नियमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इकाइयों का निरीक्षण कर कई कंपनियों को चिह्नित किया गया है। यह सभी स्टांप एक्ट के अनुसार रजिस्ट्री कराएं। अन्यथा की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी

-एसके ¨सह, एआइजी स्टांप, नोएडा औद्योगिक भूखंड का आवंटन उद्योगों के लिए किया गया है। यदि वहां संस्थागत या व्यवसायिक गतिविधियां किराये पर चल रही है तो नियमानुसार स्टांप जमा कराए। ताकि राजस्व में बढ़ोतरी हो सके।

-सुरेंद्र नाहाटा, अध्यक्ष, एमएसएमई इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन नोएडा


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