बिल्डर से पूछा आखिर क्यों न दिया जाए क्षतिपूर्ति का आदेश
गामा दो सेक्टर स्थित भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) में सोमवार को विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ मामलों पर सुनवाई हुई। इसके साथ ही एडज्यूडिकेटिग कोर्ट में क्षतिपूर्ति के दस मामले सुने गए। एडज्यूडिकेटिग (न्याय निर्णायक अधिकारी) ने मामलों की सुनवाई करते हुए पैरामाउंट प्रोपबिल्ड प्राईवेट लिमिटेड के तीन मामलों की सुनवाई करते हुए शिकायतकर्ताओं को
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : गामा दो सेक्टर स्थित भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) में सोमवार को विभिन्न बिल्डरों के खिलाफ मामलों पर सुनवाई हुई। इसके साथ ही एडज्यूडिकेटिग कोर्ट में क्षतिपूर्ति के दस मामले सुने गए। एडज्यूडिकेटिग (न्याय निर्णायक अधिकारी) ने मामलों की सुनवाई करते हुए पैरामाउंट प्रोपबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के तीन मामलों की सुनवाई करते हुए शिकायतकर्ताओं को डेढ़- डेढ़ लाख व उप्पल चड्ढा के हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के एक मामले की सुनवाई करते हुए शिकायतकर्ता को एक लाख दस हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश जारी किया है। शिकायतकर्ता अमनदीप जायसवाल, विक्रम जीत, व राजीव ने पैरामाउंट बिल्डर के खिलाफ न्याय निर्णायक अधिकारी की कोर्ट में मानसिक उत्पीड़न व समय पर कब्जा न देने का आरोप लगाते हुए क्षतिपूर्ति दिलाने के लिए याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान तथ्य सहीं पाए गए। न्याय निर्णायक अधिकारी की कोर्ट ने बिल्डर को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही एक शिकायतकर्ता सुनील कुमार टंडन ने गलत जानकारी देने, कब्जे में देरी, समेत मानसिक उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया। न्याय निर्णायक अधिकारी की कोर्ट ने शिकायतकर्ता को एक लाख 10 हजार देने का आदेश बिल्डर को दिया । न्याय निर्णायक अधिकारी ने क्षतिपूर्ति का आदेश जारी करने के दौरान बिल्डर प्रतिनिधियों से पूछा कि आखिर क्यों शिकायतकर्ताओं की याचिका पर क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश जारी न किया जाए। इसके साथ ही पीठ दो में 70 व पीठ तीन में 46 मामलों की सुनवाई यूपी रेरा सदस्य बलविदर कुमार ने की। पीठ तीन में ड्रीम प्रोकोन, अर्थकोन यूनिवर्सल, द्ववारका हाइट्स, इंफ्रा स्ट्रक्चर, एरेना सुपर स्ट्रक्चर आदि बिल्डर परियोजनाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई की। एरेना सुपर स्ट्रक्चर के पांच मामले यूपी रेरा सदस्य के सम्मुख पेश हुए। शिकायतकर्ता बिल्डर पर परियोजना निर्माण में देरी किए जाने का आरोप लगाते हुए रिफंड की मांग कर रहे है। यूपी रेरा सदस्य ने परियोजना की जांच कराने का आदेश दिया है।