गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन से कूदकर आर्किटेक्ट ने की आत्महत्या
गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन से कूद कर सोमवार शाम एक आर्किटेक्ट ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान अजय शर्मा (53) के रूप में हुई है। वे ए-254 सूरजमल विहार दिल्ली के रहने वाले थे और बहरीन की एक निजी कंपनी में आर्किटेक्ट की नौकरी करते थे। इस दौरान मेट्रो स्टेशन पर काफी भीड़ थी। उनके कूदते ही स्टेशन पर हड़कंप मच गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस ने गंभीर हालत में उन्हें सेक्टर-30 स्थित एमएनसी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि वह मानसिक रूप से बीमार थे। शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
-बहरीन में 2008 में बेटे के साथ की थी आत्महत्या की कोशिश, बेटे की हो गई थी मौत
जागरण संवाददाता, नोएडा :
गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन से कूदकर आर्किटेक्ट ने आत्महत्या कर ली। पुलिस आत्महत्या की वजह मानसिक रोग मान रही है। स्यूसाइड नोट नहीं मिला है।
यह घटना सोमवार शाम हुई। मृतक की पहचान अजय शर्मा (53) के रूप में हुई है। वह पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में रहते थे। अजय शर्मा बहरीन की एक निजी कंपनी में आर्किटेक्ट थे। शाम को मेट्रो स्टेशन पर काफी भीड़ थी। 7:30 बजे वह स्टेशन से नीचे कूद गए। उनके कूदते ही स्टेशन पर हड़कंप मच गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस ने गंभीर हालत में उन्हें सेक्टर-30 स्थित एमएनसी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि वह मानसिक रूप से बीमार थे। शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, अजय शर्मा पुत्र महेश कुमार सोमवार शाम करीब सात बजे दिल्ली से मेट्रो के जरिये गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन पहुंचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि वह स्टेशन पर काफी देर तक टहलते रहे। इसके बाद अचानक वह स्टेशन से नीचे कूद गए। इस दौरान वहां काफी यात्री मौजूद थे। कुछ यात्रियों ने उन्हें कूदते हुए देख कर रोकने की कोशिश की भी थी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। घटना के दौरान काफी भीड़ जमा हो गई और पुलिस को सूचना दी गई। कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर अमित कुमार ¨सह के मुताबिक, प्राथमिक जांच में पता चला है कि अजय शर्मा 15 साल पहले बहरीन चले गए थे। वहां एक कंपनी में आर्किटेक्ट के तौर पर नौकरी कर रहे थे। 2002 में दिल्ली में परिवार ने उनकी शादी करा दी थी। शादी के बाद पत्नी के साथ वह बहरीन में रहने लगे थे। करीब दस साल पहले वह मानसिक तौर पर बीमार हो गए थे। इसी के चलते उन्होंने 2008 में अपने इकलौते बेटे के साथ एक मकान की छत से कूद कर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उस दौरान उन्हें डॉक्टरों ने बचा लिया था, लेकिन बेटे की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी भी संभवत: अलग रह रही थी। इलाज के बाद तब वह ठीक हो गए थे, लेकिन एक-डेढ़ साल से दिमागी हालत ठीक नहीं होने पर वह दिल्ली में परिजनों के साथ रहने लगे थे। कुछ महीने से उनका कोटद्वार में इलाज चल रहा था। वह मनोरोग अस्पताल से छुट्टी लेकर दिल्ली आए थे। यहां से नोएडा आ गए और मेट्रो स्टेशन से कूद कर आत्महत्या कर ली। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। उन्होंने किसी तरह की शिकायत नहीं दी है।