आम्रपाली सफायर में जान हथेली पर रख कर रह रहे दो हजार लोग
सेक्टर 45 में स्थित आम्रपाली सफायर सोसायटी में करीब दो हजार लोग अपनी जान हथेली पर रख रह रहे हैं। यह शहर की वीआइपी सोसायटियों में शामिल है। इसमें कई बड़े और नामी हस्तियां भी परिवार के साथ रह रही हैं, लेकिन यहां किसी भी टॉवर में अग्नि शमन सुविधा उपलब्ध नहीं है। बिल्डर ने अग्नि शमन विभाग से बिना एनओसी लिये ही फ्लैट खरीददारों को रहने की अनुमति दे दी है। आग से निपटने की कोई व्यवस्था न होने के सोसायटी में रहने वाले करीब 500 परिवारों की जान को हमेशा खतरा बना हुआ है। इसी के मद्देनजर अग्नि शमन विभाग ने आम्रपाली सफायर बिल्डर और सीएमडी अनिल कुमार शर्मा के खिलाफ जिला न्यायालय में वाद दायर किया है।
सुरेंद्र राम, नोएडा : सेक्टर 45 में स्थित आम्रपाली सफायर सोसायटी में करीब दो हजार लोग अपनी जान हथेली पर रख रह रहे हैं। यह शहर की वीआइपी सोसायटियों में शामिल है। इसमें कई बड़ी और नामी हस्तियां भी परिवार के साथ रह रही हैं, लेकिन यहां किसी भी टॉवर में अग्निशमन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। बिल्डर ने अग्निशमन विभाग से बिना एनओसी लिये ही फ्लैट खरीदारों को रहने की अनुमति दे दी है। आग से निपटने की कोई व्यवस्था न होने से सोसायटी में रहने वाले करीब 500 परिवारों की जान को हमेशा खतरा बना हुआ है। इसी के मद्देनजर अग्निशमन विभाग ने आम्रपाली सफायर बिल्डर और सीएमडी अनिल कुमार शर्मा के खिलाफ जिला न्यायालय में वाद दायर किया है।
दरअसल, सेक्टर 45 सेक्टर स्थित आम्रपाली सफायर सोसायटी को नोएडा प्राधिकरण से कम्पलीशन सर्टिफिकेशन नहीं मिला है। बिल्डर पर कुछ पैसा बकाया है और विवाद सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। इसके चलते प्राधिकरण ने अभी तक सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है। लेकिन सोसायटी बन कर तैयार है और फ्लैट खरीदार यहां आकर रहने लगे हैं। सोसायटी में कई नामी हस्तियां भी रह रही हैं। फिलहाल सोसायटी में करीब 2000 लोग निवास कर रहे हैं। जबकि नियमानुसार सोसायटी में तभी लोग रह सकते हैं, जब उसे प्राधिकरण के साथ अग्निशमन विभाग समेत अन्य विभागों से एनओसी मिली हो।
फेज प्रथम के अग्निशमन अधिकारी कुलदीप कुमार का कहना है कि सोसायटी 20 मंजिला बनी हुई है। हर टॉवर में परिवार रह रहा है। लेकिन किसी भी टॉवर में आग से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। बिल्डर को आग से निपटने की व्यवस्था करने के बाद लोगों को रहने की अनुमति देनी चाहिये थी। विभाग को कई बार नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया और पूछा गया कि आग से निपटने के लिये कितने दिनों में इंतजाम किया जायेगा। लेकिन बिल्डर की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इस संबंध में गठित कमेटी को भी अवगत कराया जा चुका है। कोई जवाब न मिलने के बाद उन्होंने बुधवार को जिला न्यायालय में बिल्डर के खिलाफ वाद दायर किया है। वहीं, बिना कम्पलीशन सर्टिफिकेट व अग्निशमन विभाग से एनओसी लिये बगैर सोसायटी में लोगों के रहने की अनुमति देने के संबंध में डीएम बीएन ¨सह टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है। उनका कहना है कि आम्रपाली सफायर का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।