जेवर हवाई अड्डे की सैद्धांतिक मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा प्रस्ताव
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सैद्धांतिक मंजूरी के लिए यमुना प्
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सैद्धांतिक मंजूरी के लिए यमुना प्राधिकरण ने प्रदेश सरकार की ओर से सोमवार को नागर विमानन मंत्रालय में आवेदन कर दिया है। मंत्रालय की स्क्री¨नग समिति 23 अप्रैल को इस पर फैसला ले सकती है। इसके बाद पर्यावरण मंत्रालय को फाइल भेजी जाएगी। हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जून में ग्लोबल निविदा निकाली जाएगी।
जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तकनीकी आर्थिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराने के लिए यमुना प्राधिकरण ने प्राइस वाटर कूपर (पीडब्ल्यूसी)को जिम्मेदारी सौंपी थी। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी। रिपोर्ट में एजेंसी ने जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को यात्री एवं कार्गो की दृष्टि से पूरी तरह सक्षम बताया है। हवाई अड्डे को रक्षा, गृह, डीजीसीए से पहले ही अनापत्ति मिल चुकी है।
पीडब्ल्यूसी को यमुना प्राधिकरण ने हवाई अड्डे के लिए निविदा प्रपत्र तैयार करने की भी जिम्मेदारी सौंपी है। जून तक प्राधिकरण हवाई अड्डे के लिए ग्लोबल निविदा निकाल कर देश विदेश की कंपनियों को निर्माण के लिए आमंत्रित करेगा। इसके साथ-साथ हवाई अड्डे को पर्यावरण संबंधी मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। अक्टूबर में हवाई अड्डे का शिलान्यास कराने की प्राधिकरण की योजना है। यात्रियों की पहली पसंद होगा जेवर हवाई अड्डा : जेवर हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए सर्वे कराकर उनकी पसंद जानी गई। आइजीआइ के टी-1, टी-2 व टी-3 टर्मिनल पर 24 घंटे की समय अवधि में छह हजार लोगों को सर्वे में शामिल किया गया। इसमें कई अहम ¨बदु सामने आए। आइजीआइ पर आने वाले यात्रियों में 18 फीसद ताज महल को देखने के लिए आगरा जाते हैं। उनमें से 80 फीसद यात्रियों ने कहा कि वह जेवर हवाई अड्डे पर आना पसंद करेंगे। गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा, अलीगढ़ व मथुरा के 84 फीसद लोगों ने हवाई यात्रा के लिए जेवर हवाई अड्डे को अपनी पसंद बताया। सर्वे में शामिल लोगों ने अपने जवाब के लिए समय व दूरी को तवज्जो दी। कम हो जाएगा हवाई अड्डे तक पहुंचने का समय : आगरा से आइजीआइ तक पहुंचने में अभी करीब साढ़े तीन घंटे लगते हैं। जेवर हवाई अड्डे से हवाई सेवा शुरू होने पर लोगों को पहुंचने में मात्र दो घंटे लगेंगे। वहीं गाजियाबाद के यात्रियों को आइजीआइ पहुंचने में दो घंटे लगते है. लेकिन जेवर हवाई अड्डे पहुंचने में मात्र सवा घंटे लगेंगे। गौतमबुद्ध नगर की 16 लाख की आबादी को भी जेवर हवाई अड्डे से काफी फायदा होगा। सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन भी जून तक हो जाएगा पूरा : गौतमबुद्ध विवि द्वारा जेवर हवाई अड्डे की जमीन अधिग्रहण के लिए कराए गए एसआइए (सोशल इंपेक्ट एसेसमेंट) के मूल्यांकन का कार्य भी जून तक पूरा हो जाएगा। शासन ने मूल्यांकन कार्य के लिए सात सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया है। मूल्यांकन के बाद जमीन अधिग्रहण की शासन से अधिसूचना जारी होगी। पहले चरण में आठ गांव की 1327 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। जेवर हवाई अड्डे की सैद्धांतिक मंजूरी के लिए नागर विमानन मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डा. अरुणवीर ¨सह, सीईओ यमुना प्राधिकरण