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फिर आरडब्ल्यूए में गूंजे विरोध में सुर

जागरण सांवाददाता ग्रेटर नोएडा सेक्टर डेल्टा दो में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के बीच पड़ी दरार बढ़ती जा रही है। सार्वजनिक होकर पदाधिकारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 08:18 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 08:18 PM (IST)
फिर आरडब्ल्यूए में गूंजे विरोध में सुर
फिर आरडब्ल्यूए में गूंजे विरोध में सुर

जागरण सांवाददाता, ग्रेटर नोएडा : सेक्टर डेल्टा दो में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के बीच पड़ी दरार बढ़ती जा रही है। सार्वजनिक होकर पदाधिकारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। आरडब्ल्यूए को मान्यता देने के एवज में मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने की प्राधिकरण की कोशिश के विरोध में जहां सभी आरडब्ल्यूए पदाधिकारी फेडरेशन के बैनर तले आंदोलनरत हैं। वहीं इस मसले को लेकर भी आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला जारी है। आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष अजब सिंह प्रधान ने महासचिव आलोक नागर पर आरोप लगाया कि बिना अनुमति के आरडब्ल्यूए के लेटर पैड पर प्राधिकरण को असहमति पत्र दे दिया गया। इस मामले में अन्य पदाधिकारियों की राय लेना तक मुनासिब नहीं समझा। पत्र को असंवैधानिक ठहराते हुए उन्होंने विरोध जताया है। वहीं डेल्टा दो आरडल्यूए के उपाध्यक्ष मनीष बीडीसी का कहना है कि हम फेडरेशन के फैसले के विरोध में नहीं है। फेडरेशन द्वारा लिए गए फैसले का स्वागत भी करते हैं, लेकिन महासचिव द्वारा आरडब्ल्यूए के लेटर पैड पर जारी किया पत्र असंवैधानिक है। आरडब्ल्यूए महासचिव आलोक नागर ने बताया कि महासचिव होने के नाते आरडब्ल्यूए डेल्टा दो के लेटर पैड पर प्राधिकरण को यह असहमति पत्र तब दिया गया जब एक दिन पहले फेडरेशन की वीडियो कॉन्फ्रेंस में आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ने अपनी सहमति दे दी थी। सहमति के बाद सीईओ को ज्ञापन सौंपने के दौरान आरडब्ल्यूए का कोई पदाधिकारी असहमति पत्र लेकर नहीं पहुंचा। लेटर पैड पर प्राधिकरण को असहमति पत्र देकर उन्होंने अपने दायित्व व जिम्मेदारी का निर्वाह किया है।

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