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प्रशासन कर्जदार बिल्डरों की संपत्तियों की करेगा ई-नीलामी

जिला प्रशासन अब ई-नीलामी से कर्जदार बिल्डरों की संपत्तियों को बेचेगा। कई बिल्डरों पर प्राधिकरण का 1200 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है। प्राधिकरण ने बकाया रकम की वसूली के लिए आरसी जारी कर प्रशासन को जिम्मेदारी दी है। प्रशासन अब ऐसे बिल्डरों की संपत्तियों को अटैच कर ई-नीलामी के जरिए बेचेगा। इसके लिए एमएसटीसी समेत अन्य सरकारी एजेंसियों की मदद ली जाएगी। प्रशासन की रेरा के साथ हुई बैठक में ई-नीलामी के जरिए संपत्तियों को बेचने का फैसला लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 08:53 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:25 AM (IST)
प्रशासन कर्जदार बिल्डरों की संपत्तियों की करेगा ई-नीलामी
प्रशासन कर्जदार बिल्डरों की संपत्तियों की करेगा ई-नीलामी

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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जिला प्रशासन अब ई-नीलामी से कर्जदार बिल्डरों की संपत्तियों को बेचेगा। कई बिल्डरों पर प्राधिकरण का 1200 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है। प्राधिकरण ने बकाया रकम की वसूली के लिए आरसी जारी कर प्रशासन को जिम्मेदारी दी है। प्रशासन अब ऐसे बिल्डरों की संपत्तियों को अटैच कर ई-नीलामी के जरिये बेचेगा। इसके लिए मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) समेत अन्य सरकारी एजेंसियों की मदद ली जाएगी। प्रशासन की रेरा के साथ हुई बैठक में ई-नीलामी के जरिये संपत्तियों को बेचने का फैसला लिया गया है।

दरअसल नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कई बिल्डरों ने निर्धारित समय में फ्लैट निर्माण कर खरीदारों को पजेशन नहीं दिया है। कुछ बिल्डरों ने अब तक प्रोजेक्ट पर काम भी नहीं शुरू किया है। बकायेदार बिल्डरों को प्राधिकरण ने डिफाल्टर घोषित कर आरसी जारी कर दी है। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि प्रशासन को अब तक 1200 करोड़ रुपये वसूलने की आरसी मिल चुकी है। मोटी रकम वसूलना प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है। प्रशासन बिल्डरों से पैसे वसूलने के लिए कई तरीके अपनाता है। वर्तमान में मार्केट में मोटी रकम नकदी के रूप में उपलब्ध नहीं है। इस वजह से करोड़ों रुपये की संपत्तियों को सामान्य नीलामी में बेचना आसान नहीं है। इसलिए प्रशासन ने इन संपत्तियों को बेचने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया अपनाने का फैसला लिया है। ई-नीलामी प्रक्रिया में कहीं भी रहने वाला व्यक्ति शर्ताें का पालन कर भाग ले सकता है। ई-नीलामी में एमएसटीसी जैसी सरकारी एजेंसियों की मदद ली जाएगी। इसके लिए बातचीत की जा रही है।

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सिर्फ आरोपित की चल-अचल संपत्तियों की होगी नीलामी

प्रशासन सिर्फ कर्जदार बिल्डरों की चल-अचल संपत्तियां ही अटैच कर कर नीलाम करेगा। यह ऐसी संपत्तियां होंगी, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति की साझेदारी नहीं होगी। मसलन, बिल्डर ने किसी सोसायटी में 1000 फ्लैट बनाए हैं और उसमें से 500 बेच चुका है। शेष 500 फ्लैटों को अटैच कर उनकी नीलामी की जाएगी।

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बिल्डर परियोजनाओं को नहीं किया जाएगा सील

रेरा के साथ हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि जिन बिल्डर परियोजनाओं पर काम चल रहा है और उनके खिलाफ आरसी जारी है, तो उस परियोजना या बिल्डर के कार्यालय को सील नहीं किया जाएगा। इससे काम प्रभावित होगा और खरीदारों को भी परेशानी होगी। वहीं, जो मामले एनसीएलटी में लंबित हैं, उन मामलों की आरसी प्रशासन वापस कर देगा।


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