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प्रशासन ने की बिल्डर से 22.25 करोड़ रुपये की वसूली

जिला प्रशासन ने ईटी इंफ्रा डेवलपर्स बिल्डर से 22.25 करोड़ रुपये की वसूली की है। इस कम की वसूली दादरी तहसील की तरफ से की गई है। प्रशासन का दावा है कि जिले में यह अब तक की एक दिन में की गई सबसे बड़ी रकम की वसूली है। प्रशासन को बिल्डर ने 21 व 1.25 करोड़ रुपये के दो चेक दिए हैं। प्रशासन मार्च से अब तक बिल्डर समेत अन्य संस्थानों से 67 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व वसूलने का दावा किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:25 AM (IST)
प्रशासन ने की बिल्डर से 22.25 करोड़ रुपये की वसूली
प्रशासन ने की बिल्डर से 22.25 करोड़ रुपये की वसूली

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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जिला प्रशासन ने ईटी इंफ्रा डेवलपर्स बिल्डर से 22.25 करोड़ रुपये की वसूली की है। इस रकम की वसूली दादरी तहसील की तरफ से की गई है। प्रशासन का दावा है कि जिले में यह अब तक की एक दिन में की गई सबसे बड़ी रकम की वसूली है। प्रशासन को बिल्डर ने 21 व 1.25 करोड़ रुपये के दो चेक दिए हैं। प्रशासन मार्च से अब तक बिल्डर समेत अन्य संस्थानों से 67 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व वसूलने का दावा किया है।

जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि ईटी इंफ्रा डेवलपर्स को नोएडा प्राधिकरण जमीन आवंटित की है। बिल्डर ने जमीन की कीमत प्राधिकरण को अब तक नहीं दी है। प्राधिकरण का बिल्डर पर 58 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। इस रकम को वसूलने के लिए प्राधिकरण ने आरसी जारी की थी। उसी आरसी के मद्देनजर प्रशासन ने बिल्डर से 22.25 करोड़ रुपये की वसूली की है। बिल्डर पर अभी 36 करोड़ रुपये बकाया है। इसकी भी वसूली की प्रक्रिया चल रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि बिल्डर से इस रकम की वसूली प्रभारी अधिकारी (संग्रह) संजय कुमार मिश्रा व अभय कुमार सिंह, दादरी एसडीएम राजीव राय व तहसीलदार विनय प्रताप सिंह भदौरिया ने की है। तहसीलदार न्यायिक दुर्गेश सिंह ने बताया कि आरसी के सापेक्ष वसूली के लिए नियमित रूप से अभियान चलाया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा।

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बकायेदारों को पैसा जमा करने के निर्देश

डीएम ने बताया कि कई बकायेदारों पर करोड़ों रुपये बकाया है। प्रशासन ने ऐसे सभी बकायेदारों को तहसील में आकर शीघ्र पैसा जमा करने का निर्देश दिया है। पैसा नहीं जमा करने पर उन्हें हिरासत में लेकर हवालात में रखा जाएगा। साथ ही अन्य कानूनी प्रक्रियाएं भी अपनाई जाएगी। इससे बकायेदारों की मुसीबत बढ़ सकती हैं।


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