95 परियोजनाओं के खरीदारों को घर मिलने की बढ़ी उम्मीद
उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) द्वारा दिल्ली एनसीआर अंतर्गत 95 परियोजनाओं पर विशेष निगरानी की जा रही है जिनके खरीदारों को तेजी से कब्जा दिलाने पर कार्य किया जा रहा है। रेरा सूत्रों के मुताबिक चुनाव संपन्न होने के बाद समीक्षा करके खरीदारों को घर दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन 95 परियोजनाओं में से ज्यादातर गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद जिले में निर्माणाधीन हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) द्वारा दिल्ली एनसीआर के अंतर्गत 95 परियोजनाओं पर विशेष निगरानी की जा रही है, जिनके खरीदारों को तेजी से कब्जा दिलाने पर कार्य किया जा रहा है। रेरा सूत्रों के मुताबिक चुनाव संपन्न होने के बाद समीक्षा करके खरीदारों को घर दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन 95 परियोजनाओं में से ज्यादातर गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद जिले में निर्माणाधीन हैं।
रेरा अधिकारियों के मुताबिक दस निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए डेवलपर्स की तलाश की जा रही है, जिनके जरिये उनका निर्माण पूरा कराया जाएगा। इसमें प्रिमरोज, जेएमडीआर समेत अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। वहीं, 16 परियोजनाएं ऐसी हैं जिनके डेवलपर्स खरीदारों को समय पर कब्जा देने की बात कह रहे हैं, जिनमें अजनारा, डेफोडिल, लोटस समेत अन्य बिल्डरों परियोजनाएं शामिल हैं। रेरा द्वारा 49 परियोजनाओं की लगातार समीक्षा की जा रही है, जिनमें सबसे ज्यादा निवेशक फंसे हुए हैं। इन परियोजनाओं में सिक्का कर्नन, सिक्का ग्रींस, लोटस, बुलवर्ड आदि शामिल हैं। इनके खरीदारों की तरफ से ज्यादातर कब्जा लेने को तैयार हो गए हैं। जबकि 20 परियोजनाएं ऐसी हैं जिनकी हर तीन माह में रेरा द्वारा समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के दौरान निर्माण कार्य की प्रगति को लेकर बिल्डरों से जवाब तलब किया जा रहा है।
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आरसी जारी होने का नहीं हो रहा फायदा :
एक तरफ जहां रेरा कार्यालय के चक्कर काटते-काटते खरीदार परेशान हो रहे हैं, वहीं सुनवाई व रेरा के फैसलों पर बिल्डर अमल नहीं कर रहा है। खास बात यह है कि रेरा द्वारा आरसी जारी किए जाने के बाद भी पैसों की रिकवरी को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब तक रेरा द्वारा सुपरटेक, लॉजिक्स, ऑरिस ग्रीनबे, सनवर्ल्ड समेत कई अन्य बिल्डर परियोजनाओं के खिलाफ आरसी जारी हो चुकी है, लेकिन पैसों की रिकवरी को लेकर खरीदारों को कोई विशेष मदद नहीं मिल पा रही है। इसको लेकर खरीदार जिलाधिकारी से भी मुलाकात कर अपनी बात रखने की योजना बना रहे हैं।