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43 फीसद शिकायतें जांच में मिलीं सही

मोहम्मद बिलाल नोएडा कोरोना संक्रमण से आमजन परेशान हैं और निजी अस्पताल आपदा को अवसर बनाने में लगे हुए हैं। इंसानियत को दरकिनार कर आपदा में पैसे कमाने की फिराक में हैं। कोरोनाकाल की दूसरी लहर में 15 से अधिक निजी अस्पताल नर्सिंग होम व डायग्नोस्टिक सेंटर संचालकों के खिलाफ अब तक 51 शिकायतें जिला प्रशासन को मिली हैं। इनमें से 43 फीसद शिकायतें जांच में सही पाई गई हैं। 50 फीसद शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 07:48 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 07:48 PM (IST)
43 फीसद शिकायतें जांच में मिलीं सही
43 फीसद शिकायतें जांच में मिलीं सही

मोहम्मद बिलाल, नोएडा : कोरोना संक्रमण से आमजन परेशान हैं और निजी अस्पताल आपदा को अवसर बनाने में लगे हुए हैं। इंसानियत को दरकिनार कर आपदा में पैसे कमाने की फिराक में हैं। कोरोनाकाल की दूसरी लहर में 15 से अधिक निजी अस्पताल, नर्सिंग होम व डायग्नोस्टिक सेंटर संचालकों के खिलाफ अब तक 51 शिकायतें जिला प्रशासन को मिली हैं। इनमें से 43 फीसद शिकायतें जांच में सही पाई गई हैं। 50 फीसद शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।

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निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा कोरोनाकाल में इलाज के नाम पर अधिक रुपये वसूलने व अनियमितता की 22 शिकायतें जांच के दौरान सही मिली हैं। जांच टीम ने सभी शिकायतों का संज्ञान लेते हुए संचालकों को नोटिस जारी किया है। इनमें 11 शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। हालांकि लाइसेंस निरस्तीकरण व एफआइआर की कार्रवाई शून्य है। उधर, बीते दिन फेलिक्स, यथार्थ, जेपी, प्रकाश, दादरी, जेआर अस्पताल व नोएडा एमआरआई डायग्नोस्टिक सेंटर पर इलाज के नाम पर अधिक चार्ज वसूलने की कार्रवाई के बाद लोग अब लगातार शिकायत के लिए आगे आ रहे हैं।

हाईकोर्ट के आदेश व मुख्यमंत्री की नाराजगी से प्रशासन सख्त :

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले में लोगों को कोरोना संक्रमित होने के बाद भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। आक्सीजन की किल्लत, दवा मिलने में परेशानी और कालाबाजारी के लगातार मामले सामने आ रहे थे। वहीं निजी अस्पतालों में बेड की भारी दिक्कत थी। अधिकारियों के फोन करने के बावजूद सुनवाई नहीं करने के भी आरोप लग रहे थे। कई लोगों ने निजी अस्पतालों पर मेडिक्लेम कार्ड से इलाज न करने और अतिरिक्त शुल्क वसूली के लिए केवल नकद भुगतान लेने का भी आरोप लगाया था। इसके चलते हाईकोर्ट ने पेंडेमिक पब्लिक ग्रीवेंस कमेटी (पीपीजीसी) गठन कर कोरोना महामारी से जुड़ी शिकायतें सुनने का आदेश दिया था। निजी अस्पतालों की मनमानी पर नोएडा आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नाराजगी जाहिर की थी।

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पेंडेमिक पब्लिक ग्रीवेंस कमेटी (पीपीजीसी) सदस्य, वाट्सएप नंबर, ईमेल

-सीजेएम सुशील कुमार, 9868940965, स्त्रद्यह्यड्ड.द्दढ्डठ्ठठ्ठश्रद्बस्त्रड्ड@द्दद्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व

-एडीएम दिवाकर सिंह 7068321515, स्त्रह्य776834@द्दद्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व

-जिम्स प्रोफेसर डॉ. सीडी त्रिपाठी, 9818665424 ष्स्त्रह्लह्मद्बश्चड्डह्लद्धद्ब@द्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व

------- बॉक्स..

अधिक बिल वसूलने संबंधित मामले:

केस-1

सेक्टर-77 में रहने वाले निलेश नंदी ने बताया कि सेक्टर-51 स्थित नोएडा एमआरआइ डायग्नोस्टिक सेंटर से 20 तारीख को एचआर (हाई रिजोल्यूशन) सीटी स्कैन की जांच कराई थी। जांच के दौरान सेंटर संचालक ने 5500 रुपये वसूल लिए, जबकि शासन ने जांच के लिए अधिकतम 2500 रुपये ही तय किए हैं। जिला प्रशासन से शिकायत के बाद संचालक ने 3500 रुपये वापस किए।

केस-2

ग्रेटर नोएडा निवासी दीपक ने बताया कि पिता गंगा सिंह को इलाज के लिए प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल ने महज 5 दिन में ढाई लाख रुपये का बिल बना दिया। मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की तो अस्पताल ने 75 हजार रुपये बिल में कम किए। इससे पहले अस्पताल ने बिल में आक्सीजन के नाम पर अतिरिक्त चार्ज जोड़ रखा था।

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केस-3

सेक्टर-44 आरडब्ल्यूए पदाधिकारी डीडी तिवारी ने कहा कि परिचित उर्मिला सिंह (70) को कोरोना संक्रमित होने पर इलाज के लिए यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां अस्पताल प्रबंधन ने करीब 32 दिन का साढ़े आठ लाख रुपये का बिल बना दिया। मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की तो करीब एक लाख तीन हजार रुपये बिल में कम किए।

------- वर्जन..

अतिरिक्त वसूली, गलत रिपोर्ट देने, कोरोना से दम तोड़ने वाली महिला के आभूषण चोरी करने संबंधित तीन और दवा संबंधी चार शिकायतें मिली हैं। शिकायत मिलने के बाद एक हफ्ते में इनका निस्तारण कर दिया जाएगा।

-दिवाकर सिंह, एडीएम एवं एवं पीपीजीसी सदस्य


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