35 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा यीडा शहर में विकसित होने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) यमुना प्राधिकरण ने शासन को भेज दी है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यीडा शहर में विकसित होने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) यमुना प्राधिकरण ने शासन को भेज दी है। डिवाइस पार्क सेक्टर 28 में साढ़े तीन सौ एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इसमें 18 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। मेडिकल डिवाइस पार्क रोजगार का बड़ा केंद्र होगा। इसमें 35 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
कोरोना महामारी ने चिकित्सीय सेवाओं को बेहतर बनाने की जरूरत पर बल दिया है। केंद्र सरकार की योजना है कि देशभर में मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित कर चिकित्सीय उपकरण उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाई जाए। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के इकलौते मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए यमुना प्राधिकरण का चयन प्रदेश सरकार ने किया है। विशाखापत्तनम स्थित कलाम इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ टेक्नोलाजी से यमुना प्राधिकरण ने मेडिकल डिवाइस पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराकर प्रदेश सरकार को भेजी है। इसे केंद्र को भेजा जाएगा। निवेश के लिहाज से मेडिकल डिवाइस पार्क यीडा सिटी का आकर्षण बढ़ाएगा। यहां होने वाले निवेश के पहले ही चरण में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। यमुना प्राधिकरण मेडिकल डिवाइस पार्क को विकसित कर भूखंड आवंटित करेगा। पार्क विकसित करने पर चार सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। बॉक्स
एशिया में भारत चौथा बड़ा बाजार
मेडिकल डिवाइस के लिए भारत एशिया में चौथा बड़ा बाजार है, जबकि विश्व में भारत 20वें पायदान पर है। मेडिकल डिवाइस के वैश्विक कारोबार 2024 तक सालाना करीब साढ़े चार फीसद की दर से बढ़कर 40.4 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी डायग्नोस्टिक उपकरणों की है। इसके बाद कार्डियोवस्कुलर, डायग्नोस्टिक इमेजिग, ऑर्थोपेडिक डिवाइस, ऑप्थेल्मिक डिवाइस व इसके बाद प्लास्टिक सर्जरी के उपकरणों का नंबर आता है। मेडिकल डिवाइस में डायग्नोस्टिक उपकरणों की सबसे अधिक 15.4 फीसद की हिस्सेदारी है। वर्ष 2019 में 4.17 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। भारत में जरूरत की 75 फीसद से अधिक मेडिकल डिवाइस का आयात होता है। वर्जन..
मेडिकल डिवाइस पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। पार्क के जरिए प्राधिकरण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश व रोजगार सृजन होगा।
डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण