कोरोना काल के छह माह में मिले 3266 नए टीबी रोगी
जागरण संवाददाता नोएडा अभी तक बलगम व खांसी को नजरअंदाज करते आ रहे लोग कोरोना के खौ
जागरण संवाददाता, नोएडा :
अभी तक बलगम व खांसी को नजरअंदाज करते आ रहे लोग कोरोना के खौफ में अस्पताल पहुंच रहे हैं। कोरोना काल में पांच महीनों में जिला अस्पताल समेत टीबी के समस्त सरकारी व प्राइवेट डॉट्स सेंटरों पर तीन हजार से ज्यादा टीबी के मरीजों को चिह्नित किया गया है। प्रतिदिन डॉट्स सेंटर पर 50 मरीज खांसी व बलगम की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। खास यह है कि इन्हें टीबी से ज्यादा कोरोना का भय था।
जनवरी से अब तक 3266 नए मरीजों को टीबी की सूची में जोड़ा गया है। इनमें 22 मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी मरीज भी शामिल है। सरकारी डॉट्स सेंटरों पर जांच में 2273 टीबी रोगी मिले, जोकि क्षय रोग विभाग को मिले 6000 लक्ष्य का 76 फीसद है। वहीं 993 मरीज प्राइवेट सेंटरों में मिले हैं। यह 5000 लक्ष्य के सापेक्ष 40 फीसद हैं। शासन ने क्षय रोग विभाग को 2025 तक जिले को क्षय रोग मुक्त बनाने के आदेश दिए हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी शासन की मंशा पर खरे नहीं उतर पा रहे। प्रति वर्ष रोगियों की संख्या में डेढ़ हजार नए रोगियों की बढ़त हो रही है। इस समय जिले में कुल टीबी मरीजों की संख्या 13379 हो गई है। इनमें 8923 का सरकारी व 4456 मरीजों का निजी अस्पतालों में उपचार जारी है। इनमें 244 एमडीआर और 27 एक्सडीआर मरीज भी शामिल है। अभियान के नाम पर खानापूर्ति अभी भी जिले में अभियान के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। 2019 में जहां मात्र 2326 ही मरीज मिले थे, वहीं 2020 में आधे जुलाई तक ही 3266 मरीज मिल चुके हैं। इन-इन डॉट्स सेंटरों पर मिले मरीज
सेंटर सरकारी प्राइवेट
सीएचसी भंगेल 261 111
डीटीसी नोएडा 582 490
जिम्स 169 169
पीएचसी दादरी 345 125
पीएचसी दनकौर 355 20
पीएचसी बिसरख 263 16
पीएचसी मामूरा 298 62
कुल 2273 993 पिछले पांच साल का टीबी मरीजों का आंकड़ा
वर्ष सरकारी प्राइवेट
2016 4211 962
2017 4283 1210
2018 5642 2145
2019 6650 3463 शासन के लक्ष्य के अनुरूप रोगियों की तलाश करने के विभाग के प्रयास जारी है। लॉकडाउन में भी टीबी रोगियों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया, कई मरीजों के घर भी दवा पहुंचाई गई तथा सभी डॉट्स सेंटर निरंतर खुले रहे। जनपद में टीबी रोगियों की संख्या बढ़ी है, वहीं रिकवर मरीजों का आंकड़ा भी बेहतर हो रहा है।
-डॉ. शिरीष जैन, क्षय रोग अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर