पूर्व में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात रहे दो प्रबंधकों का निलंबन
विकास विभाग ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में पूर्व में तैनात रहे दो प्रबंधकों को निलंबित कर दिया है। इन्हें प्राधिकरण में तैनाती के दौरान एक बिल्डर से बकाया रकम वसूलने के मामले में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया था। प्राधिकरण इस मामले में कुछ कर्मचारियों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर चुका है।
जांस, ग्रेटर नोएडा : औद्योगिक विकास विभाग ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में पूर्व में तैनात रहे दो प्रबंधकों को निलंबित कर दिया है। इन्हें प्राधिकरण में तैनाती के दौरान एक बिल्डर से बकाया रकम वसूलने के मामले में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया था। प्राधिकरण इस मामले में कुछ कर्मचारियों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर चुका है।
उल्लेखनीय है कि आम्रपाली बिल्डर से बकाया राशि वसूलने में प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारियों ने घोर लापरवाही बरती थी। बकाया वसूले बगैर बिल्डर को एक के बाद एक भूखंड आवंटित किए गए थे। आम्रपाली बिल्डर मामले में प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट से अपना बकाया दिलाने की मांग की थी, लेकिन यह मांग पूरी नहीं हो पाई थी। इससे प्राधिकरण को करीब 4400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने दिल्ली में बैठक के दौरान इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। प्राधिकरण द्वारा कराई गई जांच में बिल्डर विभाग देख रहे तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारियों को दोषी पाया गया था। प्राधिकरण ने कार्रवाई की संस्तुति के साथ अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। शासन के निर्देश पर सीईओ नरेंद्र भूषण ने दो कर्मचारियों के निलंबन व तीन को आरोप पत्र दिए थे। केंद्रीय सेवा नियमावली लागू होने के कारण प्रबंधक स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शासन स्तर से होनी थी। शासन ने इस पर कार्रवाई करते हुए दो प्रबंधकों को निलंबित कर दिया है। निलंबित दोनों अधिकारी वर्तमान में ग्रेटर नोएडा से स्थानांतरित होकर दूसरे प्राधिकरण में तैनात हैं। प्राधिकरण के अधिकारी कार्रवाई की पुष्टि करने से बच रहे हैं।