बच्चों से बड़ी कोई दौलत नहीं: सतपाल पहलवान
कस्बा भोकरहेड़ी स्थित आर्य समाज के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ सोमवार को विधि-विधान से वेद मंत्रों के बीच हवन यज्ञ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप पधारे महाबली पदम
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कस्बा भोकरहेड़ी स्थित आर्य समाज के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ सोमवार को वेद मंत्रों के बीच हवन-यज्ञ से हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पदम विभूषण सतपाल पहलवान ने कहा कि बच्चों से बड़ी दौलत कुछ नहीं है, लेकिन पाश्चात्य संस्कृति की चकाचौंध में बच्चों में संस्कार खत्म होते जा रहे हैं। हमें अपने बच्चों को संस्कारवान और चरित्रवान बनाना होगा।
वैदिक संस्कार चेतना अभियान के संयोजक आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति की जीवन परंपरा में आचरण का स्थान सदैव विचारों से ऊंचा रहा है। सत्य, पवित्र और मर्यादित आचरण करना ही धर्म है। सद्गुणों को धारण करें। दिल्ली से आए स्वामी सुभाष महाराज ने कहा कि परिवारों में यज्ञ करें। यज्ञ से बच्चे संस्कारित बनेंगे। स्वामी महानंद ने कहा कि मन के नियंत्रण से ही जीवन संतुलित बनता है। बिजनौर के भजन उपदेशक योगेश दत्त आर्य ने ऋषि दयानंद के प्रेरक भजन सुनाए। समारोह में महाबली पदम विभूषण सतपाल पहलवान, दिल्ली बावनी के प्रधान चौधरी धारा सिंह, सिंधू गांव के चौधरी धर्म सिंह सहरावत व चौधरी बलजीत सिंह का कस्बे के वयोवृद्ध युधिष्ठर सिंह ने पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में पूर्व चेयरमैन मदन पाल सिंह, कैप्टन ज्ञानेंद्र कुमार, राजेश कुमार, रामपाल सिंह, आंनद कुमार, उदेश कुमार, नवीन चौधरी, मनोज प्रधान आदि मौजूद रहे। यज्ञ के ब्रह्म आचार्य सुरेंद्र आर्य रहे। कार्यक्रम का संचालन चौधरी रामपाल सिंह ने किया।