बवाल का दंश.. महिला बैंक कर्मचारियों को दूसरी शाखा में भेजा
एक तरफ पुलिस और उपद्रवियों के बीच आमने-सामने का टकराव चल रहा था। वहीं दूसरी तरफ बैंकों में फंसे कर्मचारी दहशत जदा थे। इस बीच यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी जलते-जलते ही बचा। बैंक के मुख्य गेट पर शटर की व्यवस्था न होने से वहां तैनात महिला कर्मचारियों की चींख निकल गई। पुरुष कर्मचारियों ने चार महि
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। चार दिन पहले सीएए के विरोध में हुए बवाल की दहशत आज भी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की महिला कर्मचारियों के चेहरों पर देखी जा सकती है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से महिला कर्मचारियों को वहां से कुछ समय के लिए दूसरी शाख में भेज दिया गया है, लेकिन बिना शटर के चल रहे बैंक में अभी शटर लगाने की कवायद शुरू नहीं हुई है। हालांकि एलडीएम ने बैंक के क्षेत्रिय प्रबंधक से बैंक के मुख्य गेट पर शटर लगाने के संबंध में वार्ता भी की है।
आर्यसमाज रोड स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के बाहर 20 दिसबंर को आधे घंटे तक उपद्रवियों ने पत्थरबाजी के साथ आगजनी के प्रयास किए। इसी दौरान बैंक के अंदर कर्मचारी को देखकर उपद्रवियों ने बैंक की तरफ भी पत्थरबाजी की थी। इस दौरान बैंक में मौजूद महिला कर्मचारियों की चीख से अन्य बैंककर्मी भी दहशत में आ गए थे, क्योंकि बैंक के मुख्य गेट पर शटर नहीं था। सिर्फ शाखा की सुरक्षा के लिए केवल चैनल का गेट और एक कांच का दरवाजा दीवार बना था। कमजोर सुरक्षा के कारण अंदर बंद चार महिला कर्मचारी बचाव के लिए गुहार लगा रहीं थीं। बवाल के दौरान पुलिस फोर्स भी कमी से जूझ रही थी। कुछ देर बाद माहौल शांत होने पर बैंक की चारों महिला कर्मचारियों को कोर्ट रोड शाखा में भेज दिया गया। दहशतजदा चारों महिला कर्मचारियों को अभी कुछ दिन के लिए कोर्ट रोड शाखा में ही तैनात किया गया है। उनके स्थान पर पुरुष कर्मचारियों को वहां भेजा गया है। शाखा की सुरक्षा को शटर लगाने के लिए एलडीएम ने क्षेत्रीय प्रबंधक से वार्ता भी की है।
इनका कहना है..
चार महिला कर्मचारियों को कोर्ट रोड पर तैनात किया गया था। गाइड लाइन के हिसाब से ही शाखा में सुरक्षा के इंतजाम है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ही सभी कार्य होंगे। उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
- चंद्रकला, प्रबंधक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, शाखा आर्यसमाज रोड।