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हम कभी हिदू-मुसलमान नहीं करते हैं

कौमी एकता के तत्वावधान में खतौली के बुढ़ाना रोड स्थित विवाह मंडप में अखिल भारतीय मुशायरा आयोजित किया गया। शायरों ने देर रात तक समां बांधे रखा और श्रोताओं को तालियां बजाने पर विवश किया। वक्ताओं ने कहा कि युवा सांस्कृतिक और परंपरागत कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे तो उन्हें भाषा का ज्ञान मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 07:01 PM (IST)
हम कभी हिदू-मुसलमान नहीं करते हैं
हम कभी हिदू-मुसलमान नहीं करते हैं

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कौमी एकता के तत्वावधान में खतौली के बुढ़ाना रोड स्थित विवाह मंडप में अखिल भारतीय मुशायरा आयोजित किया गया। शायरों ने देर रात तक समां बांधे रखा और श्रोताओं को तालियां बजाने पर विवश किया। वक्ताओं ने कहा कि युवा सांस्कृतिक और परंपरागत कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे तो उन्हें भाषा का ज्ञान मिलेगा।

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मुशायरे के आरंभ में चेयरपर्सन पुत्र काजी नबील अहमद ने राष्ट्रीय एकता की शमा रोशन की। इसके बाद रालोद के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी वसीम राजा, युवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी लतेश विधूड़ी, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष श्यामलाल बच्ची सैनी, एसडीएम जीत सिंह राय, चेयरपर्सन प्रतिनिध डा. मोहम्मद अथर जमाल ने संयुक्त रूप से फीता काटकर मुशायरे का शुभारंभ किया। इसके बाद शायरों ने देश-प्रदेश समेत वर्तमान समाज के हालात अपने अंदाज में जाहिर किए। नात-ए-पाक से मुशायरे का आगाज किया गया। सबसे पहले खुर्शीद हैदर मुजफ्फरनगरी ने पढ़ा- 'खुद बागबां ने आग चमन में लगाई है, अब ये बताओ किसपे भरोसा करे कोई' सुनाकर वाह-वाह बटोरी। कुंवर जावेद राजस्थानी ने 'अपनी तहजीब का अपमान नहीं करते हैं, हम कभी हिदू-मुसलमान नहीं करते हैं' सुनाया तो पंडाल तालियों से गूंज उठा। अमजद आतिश ने 'वहसतें रस्क करने लगती हैं, एक चेहरा बनाके कागज पर' सुनाया तो श्रोता झूम उठे। ख्वाजा तारिक उस्मानी ने पढ़ा 'कैद में रहकर भी लड़ सकते हैं जालिम से, जंजीरों से भी शोर मचाया जा सकता है' सुनाकर मुशायरे को चार चांद लगाए। जुनैद अख्तरी का कलाम 'दुनिया को मसाइल जो सियायत ने दिए, हल उनका मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं' सुनाकर वाहवाही बटोरी। इनके अलावा साहिल माधवपुरी, वसीम झिनझानवी, गुलरेज देवासी, ताहिर सऊद, नुसरतजहां आदि ने भी अपने कलाम पेश किए। आयोजक सभासद असजद सैफी ने अतिथियों का शाल ओढ़ाकर सम्मान किया। अध्यक्षता डा. मोहम्मद अथर ने की। इस मौके पर डा. अमीर आजम कुरैशी, हाजी यूसुफ, आम मोहम्मद मलिक, अधिवक्ता दिमाग सिंह व तासिर हसन आदि मौजूद रहे।


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