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शारापोवा से मिलने के जुनून में अमेरिका शिफ्ट हो गई विक्टोरिया

संतोष शुक्ल, मुजफ्फरनगर टेनिस जुनून की कोर्ट पर खेला जाता है, जिसके तमाम उदाहरण दुनियाभ

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 10:45 PM (IST)
शारापोवा से मिलने के जुनून में अमेरिका शिफ्ट हो गई विक्टोरिया
शारापोवा से मिलने के जुनून में अमेरिका शिफ्ट हो गई विक्टोरिया

संतोष शुक्ल, मुजफ्फरनगर

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टेनिस जुनून की कोर्ट पर खेला जाता है, जिसके तमाम उदाहरण दुनियाभर के खेल प्रेमियों में नया रोमांच पैदा करते हैं। स्लोवाकिया की खिलाड़ी विक्टोरिया मोरवायोया भी ऐसे ही जुनून की धनी निकलीं, जिन्होंने महान खिलाड़ी मारिया शारापोवा के बगल में नेट प्रैक्टिस की लालसा के साथ यूएसए की राह पकड़ ली। अब वह फ्लोरिडा की निक बोलेटिएरी टेनिस एकेडमी में शारापोवा के खेल को देखते हुए टेनिस की बारीकियां सीख रही हैं। 17 साल की विक्टोरिया राफेल नडाल जैसे खिलाड़ियों से भी मुलाकात कर टिप्स ले चुकी हैं। उनका मकसद मारिया शारापोवा की तरह प्रोफेशनल अप्रोच के साथ टेनिस में नाम कमाना है। बता दें कि मारिया शारापोवा नंबर एक खिलाड़ी रहने के साथ-साथ दुनिया की सबसे आकर्षक खिलाड़ियों में भी शुमार की जाती हैं। शारापोवा के स्मैश की मुरीद

मुजफ्फरनगर में खेले जा रहे आइटीएफ महिला टेनिस टूर्नामेंट में खेलने पहुंची 748वीं वरीयता प्राप्त स्लोवाकिया की विक्टोरिया ने आठ साल की उम्र में ही टेनिस का रैकेट थाम लिया। मारिया शारापावा का खेल देखकर टेनिस के प्रति आकर्षण बढ़ा तो पिता रूदी ने पांच वर्ष पहले आइएमजी एकेडमी यूएसए में बेटी का दाखिला कराया, जो निक बोलेटिएरी टेनिस एकेडमी भी कही जाती है। 1978 में बनी इस एकेडमी में संयुक्त राज्य अमेरिका के महान टेनिस खिलाड़ी आंद्रे आगासी भी ट्रे¨नग ले चुके हैं। स्लोवाकिया की विक्टोरिया को एकेडमी में जगह बनाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पिता रूदी ने बताया कि उनकी बेटी मारिया शारापोवा से मिलने की जिद करने लगी। रात में रैकेट साथ लेकर सोती थी। दुनिया के तमाम दिग्गज इस एकेडमी में प्रैक्टिस करते हैं, ऐसे में कोच मिलना असंभव था। ¨कतु सालभर में तीन माह के लिए को¨चग लेने की इजाजत मिल गई। वह उसी समय को¨चग के लिए पहुंचती हैं, जब शारापोवा भी ट्रे¨नग पर होती हैं। इस दौरान नेट के पास बैठकर विक्टोरिया शारापोवा के शाट्स, टाइ¨मग, फ्रंट एवं बैकहैंड और सर्विस की बारीकियों को कापी में नोट करती हैं। सर्विस में तूफानी गति जरूरी

शारापोवा भी रूस से ट्रे¨नग के लिए यूएसए शिफ्ट हुईं और उनके कदम पर विक्टोरिया भी चल पड़ी हैं। इस युवा खिलाड़ी का लक्ष्य सालभर के अंदर विश्व की शीर्ष 100 महिला खिलाड़ियों में शामिल होना है। हालांकि उन्हें पता है कि सफर लंबा है और फिटनेस बरकरार रखने के साथ सर्विस में भी तेजी लानी होगी। इसके लिए स्लोवाकिया में रहने के दौरान विक्टोरिया पूर्व चैंपियन खिलाड़ी कुचेरा से सीखती हैं। उनका कहना है कि भारतीय उपमहाद्वीप में टेनिस की संभावनाएं होने के बावजूद माहौल नहीं है, जबकि यूएसए और यूरोपीय देशों में बेशुमार कोर्ट और स्तरीय ट्रेनर हैं।


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