Muzaffarnagar News: डाक्टरी की जाली डिग्री खरीदने वाली युवती समेत दो गिरफ्तार, कई जिलों में फैला नेटवर्क
Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर से ज्यादा यहां दिल्ली देहरादून सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के युवक-युवतियां बीएएमएस बीयूएमएस की फर्जी डिग्रियां लेकर अस्पताल चला रहे हैं। हालांकि इस धंधे को चलाने वाले मुख्य माफिया इमलाख पर इस समय पुलिस ने शिकंजा कस दिया है।
मुजफ्फरनगर, जागरण टीम। क्राइम कैपिटल के नाम से चर्चित हुआ जिला अब फर्जी डिग्रियां बनाने में भी बदनाम हो रहा है। डिग्रियां बनाकर बेचने वालों का नेटवर्क केवल जिले तक ही सीमित नही है, बल्कि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों तक फैला हुआ है। विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों के लेटरहेड, मुहर, अंकतालिकाएं, प्रोविजनल सर्टिफिकेट तक फर्जी बनाए जा रह हैं।
हाल ही में एसटीएफ के हत्थे चढ़ा जिले के बाबा कोचिंग सेंटर का संचालक इमलाख जहां मेडिकल की फर्जी डिग्रियां बनाकर चर्चाओं में आ चुका है। वहीं खुड्डा में डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल इंटर कालेज ने भी 2019 की बोर्ड परीक्षा में सामूहिक नकल का ठेका लेकर जिले को बदनाम कर चुका है।
मेडिकल की फर्जी डिग्रियां बेच रहा कोचिंग सेंटर
मुजफ्फरनगर में फर्जी डिग्रियां बनाने का धंधा फल फूल रहा है। शहर के रुड़की रोड पर संचालित बाबा कोचिंग सेंटर पिछले कई वर्षों से मेडिकल की फर्जी डिग्रियां बनाकर लोगों को बेच रहा था।
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एसटीएफ लगी परतें खोलने में
फर्जी डिग्रियों के मामले प्रकाश में आने के बाद संचालक इमलाख के काले कारनामों से एसटीएफ पर्दा उठाने में लगा हुआ है। उसके पास से मिनिस्ट्री आफ पब्लिक हेल्थ आफ यूक्रेन सहित सीसीएस यूनिवर्सिटी सहित अन्य यूनिवर्सिटी के लेटरहेड, मुहर, अंकतालिकाएं, प्रोविजनल सर्टिफिकेट आदि जाली दस्तावेज मिले हैं। पता चला है कि युवक-युवतियां इमलाख से फर्जी मेडिकल की डिग्रियां तैयार करते थे।
बोर्ड परीक्षाओं में सामूहिक नकल का खुल चुका खेल
मेडिकल की फर्जी डिग्रियां बनाने के खेल से पहले मुजफ्फरनगर में यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में सामूहिक नकल भी पकड़ी जा चुकी है। कई वर्षों तक चले इस खेल में 2019 की बोर्ड परीक्षा के दौरान तत्कालीन डीएम अजय शंकर पांडेय के नेतृत्व में नकेल कसी गई थी।
छपार थाना क्षेत्र के गांव खुड़ा स्थित डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल इंटर कालेज के संचालक बोर्ड में साठगांठ कर सामूहिक नकल कराते थे, जिस कारण उनके स्कूल से पंजीकरण के लिए कई राज्यों से छात्र-छात्राएं पहुंचते थे। बोर्ड परीक्षा में पास कराने के नाम पर ठेका लिया जाता है। सामूहिक नकल पकड़ी जाने पर स्कूल संचालकों पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
इमलाख ने 50 हजार में ज्योति की 12वीं की जाली मार्कशीट बनाई
क्षेत्राधिकारी नेहरू कालोनी अनिल कुमार जोशी के अनुसार, आरोपित ज्योति ने पूछताछ में बताया कि वह उत्तर प्रदेश के छुटमलपुर स्थित कृष्णा कालेज में रिसेप्शनिस्ट थी, जहां उसकी मुलाकात इमलाख से हुई। इमलाख ने 50 हजार रुपये लेकर पहले उसकी 12वीं की बायोलाजी की जाली मार्कशीट बनवाई। इसके बाद उसने करीब सात लाख रुपये में बीएएमएस की जाली डिग्री उपलब्ध कराई।
बीएएमएस की जाली डिग्री दिलाई
आरोपित अशफाक ने बताया कि उसने पूर्व में डीयूएमएस का कोर्स किया था। इसके बाद एक दोस्त के माध्यम से उसकी मुलाकात रुड़की में इमलाख से हुई। इमलाख ने सात लाख रुपये लेकर उसे बीएएमएस की जाली डिग्री उपलब्ध कराई। उसका पंजीकरण भी भारतीय चिकित्सा परिषद में करा दिया। दोनों आरोपित फिलहाल प्रैक्टिस नहीं कर रहे थे, बल्कि उत्तराखंड में सरकारी आयुर्वेद चिकित्सक की नौकरी की तलाश में थे।