ट्रैफिक नियम ताक पर, कैसे मिले जाम से मुक्ति
सड़कों पर आड़े-तिरछे वाहन व अतिक्रमण बना जाम का सबब। वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था के बाद भी नियम तोड़ रहे वाहन चालक।
मुजफ्फरनगर : नासूर बन चुके जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस भले ही तमाम प्रयास कर रही हो, लेकिन वाहन चालकों की हठधर्मिता के कारण ट्रैफिक नियम ध्वस्त हो रहे हैं। स्थिति यह है कि सड़क पर खड़े आड़े-तिरछे वाहन और अतिक्रमण भी जाम का सबब बन रहे हैं। शहर में लागू की गयी वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था भी वाहन चालकों की हठधर्मिता की भेंट चढ़ रही है। अगर वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन कर जिम्मेदार नागरिक होने को परिचय दे तो जाम से मुक्ति मिलना असंभव नहीं है।
शहर में जाम की समस्या बरसों पुरानी है। जनता को जाम से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन एसएसपी बबलू कुमार ने शहर में वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करायी थी। शुरुआत में शिव चौक पर वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की गयी थी। इस व्यवस्था से लोगों को जाम से निजात मिली। सकारात्मक परिणाम सामने आने पर मालवीय चौक, झांसी रानी चौक, नावल्टी चौक, भगत ¨सह रोड पर वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की गयी। वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू होने से काफी हद तक शहर में जाम से मुक्ति मिली। इसके इतर वाहन चालक ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखने से बाज नहीं आ रहे हैं। कई स्थानों पर वाहन चालक गलत दिशा से निकलते हुए देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं शहर में पार्किग व्यवस्था न होने के कारण शहर के मुख्य बाजारों व सड़कों पर वाहन आड़े तिरछे खड़े होना भी जाम का मुख्य सबब भी है। शहर की सड़कों पर कई फीट तक फैला सामान भी जाम के लिए कम जिम्मेदार नहीं है। अतिक्रमण के कारण शहर की सड़कें संकरी हो गयी हैं। ई-रिक्शा ने लगाया शहर की रफ्तार पर ब्रेक
बेतरतीब दौड रहे ई-रिक्शा शहर में जाम का मुख्य कारण हैं। शहर की कोई भी सड़क ऐसी नहीं है जिन पर एक साथ सैकड़ों ई-रिक्शा दौड़ते हुए न दिखायी देते हों। एक आंकड़े के अनुसार शहर में लगभग छह हजार ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। ई-रिक्शा का रूट निर्धारित न होने के कारण चालक इन्हें मनमर्जी से दौड़ा रहे हैं। बिना रूट, बिना लाइसेंस और बिना रजिस्ट्रेशन के दौड़ रहे ई-रिक्शा ने शहर की रफ्तार पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिया है। हालांकि कई बार ट्रैफिक विभाग इनके खिलाफ अभियान भी चला चुका है। अभियान के एक-दो दिन तक ई-रिक्शा शहर की सड़कों से नदारद रहने के बाद स्थिति फिर पुराने ढर्रे पर लौट आती है। भगत ¨सह रोड़ पर नहीं होगी ई-रिक्शा की आवाजाही
यातायात प्रभारी राजेश ¨सह का कहना है कि एआरटीओ विभाग के अनुसार 3500 हजार ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। बाकी की प्रक्रिया चल रही है। मोर्हरम के बाद ई-रिक्शा के लिए शहर में रूट निर्धारित कर दिया जाएगा। दस रूट निर्धारित किए जाएंगे, जिन पर ई-रिक्शा चलेंगे। सदर बाजार की मुख्य गलियों व शिव चौक से भगत ¨सह रोड, हनुमान चौक तक ई-रिक्शा की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। बिना रजिस्ट्रेशन दौड़ रही ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। क्या कहते हैं जिम्मेदार शहरी
जाम की समस्या गंभीर है। पुलिस प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर इस नागरिकों को इससे मुक्ति दिलाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।
- मांगेराम, गांधीनगर सड़कों पर वाहनों का खड़ा बंद किया जाना चाहिए। ई-रिक्शा के बेतरतीब संचालन पर लगाम लगानी चाहिए। रजिस्ट्रेशन के बिना चल रहे ई-रिक्शा के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
- अनूप वर्मा, साउथ सिविल लाइन जाम की समस्या से निजात के लिए ट्रैफिक पुलिस को अभियान चलाना चाहिए। नागरिकों को भी ट्रैफिक नियमों का पालन कर जिम्मेदार शहरी होने का परिचय देना चाहिए।
- पंडित संजीव शंकर, गांधी कालोनी जाम गंभीर समस्या है। नागरिक भी यातायात पुलिस का सहयोग करें, ताकि जाम से मुक्ति मिल सके। सड़क पर खड़े वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाए।
- सूबेदार रणधीर ¨सह, समाजसेवी