जाम का झाम, निबटने का नहीं इंतजाम
कार्ययोजना बनी अभियान चलाए लेकिन जाम से राहत नहीं मिली। दिन निकलते ही शहर जाम की गिरफ्त में रहता है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कार्ययोजना बनी, अभियान चलाए, लेकिन जाम से राहत नहीं मिली। दिन निकलते ही शहर जाम की गिरफ्त में रहता है। स्कूली दिनों में अधिक समस्या बढ़ जाती है। शहर के भीतर स्कूलों ने वाहनों को लगाया है। सोमवार को भी शहरभर में जाम के हालात बने रहे। शिव चौक पूरी तरह से ई-रिक्शा प्रतिबंधित है। इसके आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग जाम से परेशान हैं। कुछ क्षेत्रों को ई-रिक्शा के लिए प्रतिबंधित भी किया गया और इनके लिए सवारी बैठाने के लिए स्टैंड भी बने, मगर व्यवस्था अधिक दिनों तक नहीं टिक सकी।
दिन भर परेशान रहते हैं लोग
पालिका के स्तर से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान भी चलाए गए हैं, लेकिन अधिकारियों का मकसद सड़कों को दुरुस्त और अतिक्रमण से मुक्त करना नहीं रहा है। इससे दिनभर सड़क जाम से जूझती है। अंसारी रोड, रूड़की रोड और टाउनहाल रोड पर मिनटों की दूरी घंटों में तय हो सकती।
खुले कट, सुरक्षा गायब
शहर में रूड़की रोड पर यूं तो डिवाइडर बना दिया गया है। जगह-जगह सड़कों के बीच में कट खुले हैं, लेकिन यहां पुलिस कर्मी तैनात नहीं है। नावल्टी चौराहे पर बैरीकेडिग लगाकर पुलिस कर्मी तैनात रखे गए हैं। यह क्षेत्र भी जाम से जूझता है।
यहां लगता है जाम
ई-रिक्शा, टैंपो के लिए महावीर चौक, अस्पताल तिराहा, भोपा बस स्टैंड, प्रकाश चौक, अलमासपुर चौराहा, मीनाक्षी चौक, नावल्टी चौक, हनुमान चौक, अंसारी रोड आदि स्थानों पर खड़े रहने के कारण जाम लगा रहता है।
32 स्थान बने थे, काम नहीं हुआ
ई-रिक्शा, टैंपो संचालन के लिए 32 स्थान चिह्नित किए गए थे, लेकिन इन पर काम नहीं हो सका है। जिस कारण सुबह से शाम तक हालात बेकाबू रहते हैं। नियमों के पालन की जिम्मेदारी ट्रैफिक विभाग के कंधों पर है, मगर विभाग में मैन पॉवर कम है। जिस कारण स्थिति सुधार में नहीं आ सकी है।
एक नजर में आंकड़े
-शहर में 10 हजार ई-रिक्शा
-पंजीकृत 4500।
-ठेला-रेहड़ा संचालक-1497
-वेंडिंग जोन-43
-नॉन वेंडिंग जोन-25
-टेम्पो पंजीकृत 200 इनका कहना है
जाम की समस्या से निपटने के लिए फोर्स की कमी है। कुछ चौराहों पर पुलिस कर्मियों को तैनात रखा जाता है। रूट बनाए गए थे, इनका फिर से पालन कराया जाएगा।
-बीबी चौरसिया, एसपी ट्रैफिक। -ई-रिक्शा शहर में जाम के मुख्य कारण है। बगैर पंजीकरण के दौड़ रहे ई-रिक्शाओं के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही कार्ययोजना बनाकर काम होगा।
-विनीत मिश्रा, एआरटीओ प्रवर्तन।