Move to Jagran APP

राष्ट्र भक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं : गुरुदत्त आर्य

गांव बेहड़ा सादात में ग्राम पंचायत के तत्वावधान में राष्ट्र कल्याण शांति और सद्भावना हेतु आयोजित महायज्ञ बुधवार को संपन्न हो गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वैदिक संस्कार चेतना अभियान के संयोजक आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि राष्ट्रभक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं है। क्रांतिकारियों और शहीदों के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 07:34 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 07:34 PM (IST)
राष्ट्र भक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं : गुरुदत्त आर्य
राष्ट्र भक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं : गुरुदत्त आर्य

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। गांव बेहड़ा सादात में ग्राम पंचायत के तत्वावधान में राष्ट्र कल्याण, शांति और सद्भावना हेतु आयोजित महायज्ञ बुधवार को संपन्न हो गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वैदिक संस्कार चेतना अभियान के संयोजक आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि राष्ट्रभक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं है। क्रांतिकारियों और शहीदों के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए। राष्ट्र धर्म सबसे बड़ा धर्म है। सनातन वैदिक संस्कृति के अनुकूल जीवन आचरण बनाये। यज्ञ, योग, सत्य, अहिसा, सदाचार, चरित्र, त्याग, देशभक्ति भारतीय संस्कृति का आधार है। बेटियों को वैदिक ज्ञान से जोड़ें। माता ही बच्चों का चरित्र निर्माण करती हैं। इस दौरान उन्होंने ग्राम प्रधान मंजू चौधरी को सत्यार्थ प्रकाश भेंट किया। विशिष्ट अतिथि स्वामी योगानंद महाराज ने कहा कि अंधविश्वास, पाखंड और बुराइयों खिलाफ गांवों में जन जागरूकता अभियान चलाए। ऋषि दयानंद के आदर्शो और सिद्धांतों से समाज सुधरेगा। भजनोपदेशक बली राम आर्य ने ईश्वर भक्ति की महिमा सुनाई। इस मौके पर योगेश्वर आर्य, उपदेश चौधरी, चौधरी नरेंद्र सिंह, सुनील कुमार, कृष्णपाल सिंह, प्रेम लता देवी, नीतू आर्य, गिरवर सिंह, आदेश चौधरी, बबलू प्रधान आदि मौजूद रहे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.