खेलों से जागृत होती है देशप्रेम की भावना
खेड़ी वीरान और बहादरपुर का चयन खेल गांव में हो चुका है। इन गांवों में खेल भावनाएं जागृत करने की कोशिश की जा रही हैं।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। खेड़ी वीरान और बहादरपुर का चयन खेल गांव में हो चुका है। इन गांवों में खेल भावनाएं जागृत करने की कोशिश की जा रही हैं।
मंगलवार को गांव में भारत के भूतपूर्व खिलाड़ी, शिक्षाविदों के साथ नौकशाही जुटे। दो दिवसीय कार्यशाला में ग्रामीणों को खेलों के बारे में जानकारी दी। हॉकी के ओलंपियन खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद ने कहा कि खेलों से देश प्रेम की भावना जागृत होती है। उन्होंने कहा कि हम चहाते है कि हमारे द्वारा खीचीं लकीर को युवा पीढ़ी छोटी कर नए कीर्तिमान गढ़ें।
स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ और आइएमटी गाजियाबाद ने खेल गांव के रूप में बहादरपुर खेड़ी विरान को गोद लिया है। यहां बच्चों में खेल भावना जागृत करने के लिए खेल जगत की नामचीन हस्तियों ने गांव में आकर बच्चों को खेल के लिए प्रेरित किया। अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हॉकी के ओलंपिक खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद ने कहा कि आज के समय में खेल से बढ़कर कुछ नहीं है। खेल में वह सबकुछ है, जो एक व्यक्ति को जीने के लिए चाहिए। ग्रामीण परिवेश में कुछ कर गुजरने की भावना है, बस उसे जगाने की जरूरत है।
प्रसिद्ध ओलंपियन एथलीट गोपाल सैनी ने बताया कि जिस समय हम दौड़ते थे तो एक ही बात दिमाग में होती थी, कि देश की इज्जत का सवाल है। उन्होंने कहा कि जब कक्षा दस के छात्र थे तो एक ही जुनून था, कि जीवन में कुछ करना है कुछ बनकर दिखाना है। आज बच्चों को सब सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। ओलंपिक समेत अनेक प्रतियोगिताओं में नंगे पैर दौड़कर ही पदक हासिल किए।
द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित पहलवान सतपाल यादव ने बताया कि गांव से ही पहलवान निकलते हैं। वह चाहते हैं कि हर गांव में युवाओं के लिए एक अखाड़ा अवश्य होना चाहिए, ताकि युवाओं को इसमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले। प्रसिद्ध पहलवान सुभाष वर्मा ने कहा कि वह अवसरों का लाभ उठाए और देश का नाम रोशन करें। भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शंकर पांडे ने कहा कि शुरुआत छोटी भले ही हो, लेकिन सोच बड़ी होनी चाहिए। हमारे देश में अपार संभावनाएं हैं, बस उन्हें निखारने की जरूरत है। गांवों में संसाधनों देने से ही खेल जगत को बढ़ावा मिलेगा।
संस्था के सरंक्षक डा. एससी कुलश्रेष्ठ ने बताया कि संस्था ने देश में अनेक खेल गांवों का सपना देखा है। इसकी शुरुआत हो गई है। आइएमटी के एचओडी डा. कनिष्क पांडेय ने बताया कि हमारे देश की जनसंख्या सबसे अधिक होते हुए भी हम खेल में गिने चुने पदक ही जीत पाते हैं। कार्यक्रम का संचालन डा. शशांक ने किया। इस दौरान प्रेरणा मित्तल, प्रमोद कुमार, नीतू सिंह, सपना गुप्ता, भूपेंद्र कुमार, डा. अब्दुल अजीज, सादिया, अनुज, हंस कुमार, गांव प्रधान राधे श्याम, इमरान, डा. दानवीर, भगत सिंह समेत गांव के गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।