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भाजपा सरकार की हठधर्मिता ब्रिटिश हुकूमत की याद दिलाती है : तोमर

भारतीय किसान यूनियन तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने कहा कि भाजपा सरकार की हठधर्मिता व कार्यप्रणाली ब्रिटिश हकुमत की याद दिलाती है। कृषि कानून के विरोध में देशभर का किसान आंदोलन कर रहा है रोजाना किसानों की मौत हो रही है परन्तु फिर भी सरकार झुक नहीं रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 12:04 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 12:04 AM (IST)
भाजपा सरकार की हठधर्मिता ब्रिटिश हुकूमत की याद दिलाती है : तोमर
भाजपा सरकार की हठधर्मिता ब्रिटिश हुकूमत की याद दिलाती है : तोमर

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने कहा कि भाजपा सरकार की हठधर्मिता व कार्यप्रणाली ब्रिटिश हकुमत की याद दिलाती है। कृषि कानून के विरोध में देशभर का किसान आंदोलन कर रहा है, रोजाना किसानों की मौत हो रही है, परन्तु फिर भी सरकार झुक नहीं रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आठ जनवरी तक सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो देशभर के किसानों के साथ संगठन भी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।

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छपार क्षेत्र के रामपुर तिराहा स्थित भाकियू तोमर के कार्यालय पर गुरुवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. संजीव तोमर ने मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद व बिजनौर के पदाधिकारियों के साथ आठ जनवरी के बाद होने वाले प्रदेशभर के रेलवे स्टेशनों पर धरना-प्रदर्शन को लेकर रणनीति बनाई। राष्ट्रीय सलाहकार इंद्रजीत सांगवान ने कहा कि कृषि कानून कानूनी के हित में नहीं है, इससे किसान बर्बाद हो जाएंगे। सरकार इसे किसानों पर थोप रही है, देशभर का किसान 42 दिनों से कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहा है। सरकार किसानों की नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा कि आठ जनवरी के बाद भाकियू तोमर प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशन पर धरना-प्रदर्शन करेगी। इसमें हजारों की संख्या में किसान प्रतिभाग करेगें। इस दौरान मेरठ मंडल अध्यक्ष पदम सिंह, मुरादाबाद मंडल अध्यक्ष कासिद हुसैन, राष्ट्रीय प्रतिनिधि पवन त्यागी, जितेंद्र सिंह, अरुण मेहरा, पवन धामपुर, अजीम सैफी, अजय त्यागी, प्रमोद शर्मा, निखिल चौधरी व अनिल त्यागी आदि मौजूद रहे। उत्तराखंड से आ रहे किसानों को लौटाया

संवाद सूत्र, पुरकाजी : उत्तराखंड से दिल्ली की ओर जा रहे ट्रैक्टरों पर सवार कार्यकर्ताओं को पुलिस टीम ने सूबे की सीमा से वापस जाने को कहा। किसान बार्डर से अपने ट्रैक्टरों को वापस ले गए।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के धरने को लेकर गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च का आह्वान किया गया था। पुलिस ने मार्च रोकने को लेकर बंदोबस्त किए थे। पुलिस अभी अपने यहां के किसानों से निपट रही थी, तभी सूचना मिली कि उत्तराखंड से काफी संख्या में ट्रैक्टर सूबे में प्रवेश करने वाले हैं। मामले की नजाकत को समझ ट्रेनी सीओ सत्येंद्र तिवारी फोर्स के साथ भूराहेड़ी बार्डर पर पहुंचे। ट्रेनी सीओ ने बताया कि करीब 40 ट्रैक्टरों में सौ से ज्यादा किसान सवार थे,जो कि सभी भारतीय किसान यूनियन से संबंधित थे। तिवारी ने बताया कि एसएसपी अभिषेक यादव के आदेशानुसार सभी किसानों को आगे नहीं जाने को लेकर समझाया। काफी समझाने के बाद किसान बार्डर से ही ट्रैक्टर सहित उत्तराखंड लौट गए।


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