पेस्टीसाइड प्रयोग करने से घट रही भूमि की उर्वरा शक्ति
नमामि गंगे जैविक परियोजना के अंतर्गत तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित जिला पंचायत निरीक्षण भवन के सभागार में कार्यक्रम आयोजित हुआ। वक्ताओं ने गंगा किनारे के ग्रामीणों को जैविक खेती अपनाने पर बल देने के साथ जैविक खेती से होने वाले लाभ को विस्तार से समझाया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। नमामि गंगे जैविक परियोजना के अंतर्गत तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित जिला पंचायत निरीक्षण भवन के सभागार में कार्यक्रम आयोजित हुआ। वक्ताओं ने गंगा किनारे के ग्रामीणों को जैविक खेती अपनाने पर बल देने के साथ जैविक खेती से होने वाले लाभ को विस्तार से समझाया।
नमामि गंगे के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक डा. जेपी शर्मा ने कहा कि अधिक पेस्टीसाइड का प्रयोग करने से भूमि की उर्वरा क्षमता घटती जा रही है, जिससे कृषि में लागत बढ़ जा रही है। पेस्टीसाइड से उत्पादित खाद्यान्न से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं, अनेक घातक बीमारियां जन्म ले रही हैं।
नमामि गंगे के जिला प्रभारी लवकुश मिश्रा ने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से देश के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। परियोजना अधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि जैविक निवेश, मेड़ बंदी, वर्मी बेल्ट, हरी खाद, जैविक बीज, जैविक खाद, वेस्ट डी कंपोजर, बीजा अमृत, जीवा अमृत, पंचगव्य व हर्बल कीटनाशक सहित अन्य मदों में किसान को सहायता देने का प्रावधान है। मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश नमामि गंगे के सह-संयोजक डा. वीरपाल निर्वाल ने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने के लिए गंगा किनारे वाले गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने का उद्देश्य गंगा के पानी में पेस्टीसाइड घुलित पानी को जाने से रोकना है, जिससे पर्यावरण पर दुष्प्रभाव को रोका जा सके। प्रशिक्षण में भाजपा मंडल अध्यक्ष डॉ. वीरपाल सहरावत, बीटीएम संदीप मनोहर शर्मा, सुशील शर्मा प्रधान, विजय राठी, धर्मेद्र शर्मा व राजकुमार आदि ने भी विचार रखे। प्रशिक्षण में कैडी, दरियापुर, भुवापुर, इलाहाबास, शुक्रतारी, मजलिसपुर, शुकतीर्थ व फिरोजपुर गांवों के लोगों ने भाग लिया।