प्रतिबंधित व नकली दवा का हब बना जिला
नशीली और प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार से मुजफ्फरनगर का नाम उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली हरियाणा और पंजाब तक बदनाम हो रहा है। दूसरे राज्यों में प्रतिबंधित दवाओं का जखीरा पकड़ा जाने पर कड़ियां कई बार मुजफ्फरनगर से जुड़ चुकी हैं। अन्य राज्यों के जिलों की ड्रग विभाग की टीम के साथ नारकोटिक्स विभाग के अफसर जिला परिषद मार्केट में कारोबारियों की जांच कर नोटिस थमाकर व्यापारियों को तलब कर चुके हैं। मुजफ्फरनगर में व्यापारियों के घरों से भी बड़ी मात्रा में नकली और एक्सपायरी दवाएं बरामद हो चुकी हैं। इसके इतर जिले का ड्रग विभाग कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। नशीली और प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार से मुजफ्फरनगर का नाम उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक बदनाम हो रहा है। दूसरे राज्यों में प्रतिबंधित दवाओं का जखीरा पकड़ा जाने पर कड़ियां कई बार मुजफ्फरनगर से जुड़ चुकी हैं। अन्य राज्यों के जिलों की ड्रग विभाग की टीम के साथ नारकोटिक्स विभाग के अफसर जिला परिषद मार्केट में कारोबारियों की जांच कर नोटिस थमाकर व्यापारियों को तलब कर चुके हैं। मुजफ्फरनगर में व्यापारियों के घरों से भी बड़ी मात्रा में नकली और एक्सपायरी दवाएं बरामद हो चुकी हैं। इसके इतर जिले का ड्रग विभाग कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है।
जिला परिषद् मार्केट से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के मेडिकल स्टोर पर दवाओं की सप्लाई होती है। कुछ दवा कारोबारी मुजफ्फरनगर के साथ हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में भी दवाओं की सप्लाई कर रहे हैं। इनमें नशीली और प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई अधिक मात्रा में होती है। सूत्रों की मानें तो जिला परिषद् मार्केट में बैठे दवा कारोबारी अन्य राज्यों में प्रतिबंधित दवाएं सप्लाई कर मोटा मुनाफा कमाते हैं। अन्य जिलों की ड्रग विभाग की जांच के दौरान दवाएं पकड़ी जाने पर लिक मुजफ्फरनगर से निकलते हैं, जिसके चलते कई बार नारकोटिक्स विभाग की टीम सहित अन्य टीमें मार्केट में छापेमारी कर कारोबारियों की धरपकड़ भी कर चुकी हैं। हालांकि जिला परिषद मार्केट में बैठे कुछ दवा कारोबारी टीम के पहुंचने पर खुद सक्रिय होकर मध्यस्ता की प्रक्रिया में लगकर नशीली दवाओं के कारोबार को बढ़ावा देने का काम करने में लगे हैं। मार्केट के साथ घरों से बरामद हो चुकी प्रतिबंधित दवाएं
तीन दिन पूर्व नारकोटिक्स विभाग ने जिला परिषद मार्केट में दो दवा कारोबारियों को प्रतिबंधित दवाएं सप्लाई करने पर नोटिस देकर कार्यवाही शुरू की थी, जिससे दो महीना पूर्व डीएम के आदेश पर जिला परिषद मार्केट के एक दवा कारोबारी की एजेंसी से 17 लाख रुपये से अधिक की एक्सपायरी दवाएं जब्त की थी। हालांकि उक्त कारोबारी ने तुरंत बाद ही दूसरे नाम से लाइसेंस लेकर मार्केट में ही दूसरी जगह काम शुरू कर दिया। वहीं शेरनगर, महमूदनगर, जनकपुरी और मिमलाना रोड के घरों में बड़ी संख्या में नशीली दवाएं बरामद हो चुकी हैं। जनकपुरी में पकड़ी गई नशीली दवाएं व्यापारी के बेड के अंदर से तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने बरामद कर एनडीपीएस में कार्रवाई की थी। प्रतिबंधित और नशीली दवाइयों का इतना बड़ा कारोबार होने के बाद भी जिले का ड्रग विभाग पूरी तरह बेखबर है।
पुलिस कर रही कार्रवाई, ड्रग विभाग बेखबर
बीते साल एसएसपी अभिषेक यादव के आदेश पर शहर के जिम और शक्तिवर्धक दवाईयों की दुकानों पर छापेमारी अभियान चलाया गया था। इस दौरान कई जिम और दुकानों से बड़ी संख्या में प्रतिबंधित शक्तिवर्धक दवाईयां बरामद की गई थी। इसके अलावा रूड़की रोड पर चल नही नकली प्रोटीन बनाने की फैक्ट्री का राजफाश करते हुए आरोपितों को जेल भेज गया था। पुलिस प्रतिबंधित दवाइयों को बेचने पर जिले में दो मेडिकल स्टोर भी सीज कर चुकी है। दो-दो जिलों का काम देख रहे ड्रग इंस्पेक्टर
जिले के ड्रग इंस्पेक्टर लवकुश प्रसाद के पास मुख्य रूप से हापुड़ जनपद का चार्ज है। हापुड़ के साथ लवकुश प्रसाद के पास जिले के ड्रग इंस्पेक्टर का भी प्रभार है। ऐसी स्थिति में वह कभी हापुड़ तो कभी जिले में रहते हैं। इन्होंने कहा..
पुराने माल की बिक्री में जिले का लिकअप निकल रहा है। कई मेडिकल एजेंसियों के बिल और बाउचर की जांच चल रही है, जिन पर कार्रवाई भी होगी।
- लवकुश प्रसाद, ड्रग इंस्पेक्टर