लश्कर-ए-तैयबा को फंडिंग करते थे दोनों सर्राफ
मुजफ्फरनगर : शहर के नामचीन सर्राफ अरिहंत ज्वेलर्स का मालिक आतंकियों को फंडिंग करता था। सर
मुजफ्फरनगर : शहर के नामचीन सर्राफ अरिहंत ज्वेलर्स का मालिक आतंकियों को फंडिंग करता था। सर्राफ आदिश जैन और अंकित गर्ग हवाला कारोबार से भी जुड़े थे। एनआइए ने दोनों को लखनऊ से दबोचकर पूरे मामले का राजफाश कर दिया।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को फंडिंग और हवाला कारोबार से जुड़े होने की सूचना पर तीन फरवरी को एनआइए के डिप्टी एसपी ने टीम के साथ अरिहंत ज्वेलर्स के मालिक आदिश जैन व दिनेश उर्फ अंकित गर्ग की दुकानों व मकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में अंकित गर्ग के मकान से 15 लाख कैश, पिस्टल, लैपटॉप और 4 मोबाइल व आदिश जैन के मकान व दुकान से 32 लाख कैश, चाइना मेड पिस्टल, 2 मोबाइल व 2 लैपटॉप बरामद किए गए थे। इतना ही छापेमारी में आदिश के यहां से भारी मात्रा में सऊदी अरब, कुवैत, जापान, अमेरिका आदि देशों की करेंसी बरामद हुई थी। छापेमारी के बाद से दोनों फरार चल रहे थे। उधर, गुरुवार को एनआइए ने दोनों को लखनऊ में दबोच लिया। इससे पूर्व एनआइए ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी आतंकी शेख अब्दुल नसीम को दबोचा था। जिससे पूछताछ के बाद दोनों सर्राफ के यहां छापेमारी की गई थी। इतना ही नहीं दोनों सर्राफ सऊदी अरब के सोना तस्करों के संपर्क में थे। एनआइए को इसके पुख्ता सबूत मिले हैं। माना जा रहा है कि दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने पर गिरफ्तारी की गई है। एनआइए इस पूरे मामले में अभी तक 6 लोगों को दबोच चुकी है। दोनों सर्राफ के हवाला कारोबार व आतंकियों को फंडिंग करने की जानकारी होने पर सर्राफा बाजार में हड़कंप मचा है।
उधर, जनपद से बड़ी संख्या में लोग अरब देशों में नौकरी करते हैं जो चोरी छिपे विदेशों से सोने के बिस्कुट की तश्करी करते हैं। एनआइए ऐसे लोगों की कुंडली भी खंगाल रही है। इसके अलावा दो सर्राफ के हवाला कारोबार से जुड़ने पर खुफिया विभाग भी अलर्ट पर आ गया है। खुफिया विभाग ऐसे लोगों की कुंडली खंगाल रहा है जो विदेशों से सोना लाते समय कस्टम की जद में आ चुके हैं।