कानून को हाथ में लेना गलत: रॉबिनसन
मानवाधिकार दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में यूएनएचसीआर की एडवाइजरी कमेटी के सदस्य व हैल्पिग हैंड वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव जॉन रॉबिनसन ने कहा कि कानून को हाथ में लेना गलत है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन: मानवाधिकार दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में यूएनएचसीआर की एडवाइजरी कमेटी के सदस्य व हैल्पिग हैंड वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव जॉन रॉबिनसन ने कहा कि कानून को हाथ में लेना गलत है।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि जॉन रॉबिनसन ने कहा कि मानव हितों के लिए मानवाधिकार बने हैं। दुनिया के 230 में से 180 देश अपनी-अपनी भाषा बोलते हैं। चाहे चीन हो या जापान वे अपनी भाषा में बात करते हैं, लेकिन यह दुखद है कि आप अपनी भाषा मे बात नहीं करते। मानवाधिकार में सबसे पहला अधिकार है कि आप अपनी भाषा में बात करें। आज लोग अंग्रेजी को अपनाकर खुश होते हैं। अच्छा नागरिक होना हमारा दायित्व है। कानून तो बहुत बनते हैं। हजारों कानून बन गए। कानून में हाथ में न लें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर मानवाधिकार के सचिव न्यायाधीश मुकीम अहमद ने प्रोजेक्टर के माध्यम से मानवाधिकार के बारे में समझाया। उन्होंने मॉब लिचिग, दुष्कर्म और अन्य अपराधों पर चिता जताई। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की अनभिज्ञता व अज्ञानता से आज अंतर्राष्ट्रीय समस्याएं उत्पन्न हो रही। लोग आवेश में आकर कानून को हाथ में लेते हैं, यह गलत है। न्याय पालिका पर विश्वास करने की जरूरत है। हमारे देश में इंस्टेंट जस्टिस का प्रावधान नहीं है। दोष सिद्ध होने में समय लगता है, लेकिन न्याय होता है। हमें रूल आफ लॉ को मानना चाहिए। इसलिए न स्वयं गुस्सा करें और न ही किसी दूसरे को गुस्सा दिलाएं।
डा. मेजर हिमांशु ने भागवत गीता का उल्लेख करते हुए कार्य की प्रधानता पर बल दिया और समाज में सत्य की स्थापना को सर्वोपरि बताया। प्रधानाचार्या रूहामा अहमद ने मानवाधिकारों का समर्थन किया और छात्रों से संविधान के दायरे में रहकर अपनी सोच बनाने की अपील की। स्कूल के चेयरमैन अकील अहमद ने आभार जताया।