राजस्थान से उड़कर पहुंची धूल, घुटन बढ़ने से परेशानी
मुजफ्फरनगर: मौसम में बदलाव होने से प्रदूषण का खतरा भी बढ़ गया। राजस्थान से उड़कर पहुंची ध
मुजफ्फरनगर: मौसम में बदलाव होने से प्रदूषण का खतरा भी बढ़ गया। राजस्थान से उड़कर पहुंची धूल के बीच प्रदूषण के सूक्ष्म कण आसमान में छा गए। वातावरण में हीट बढ़ने से हवाएं गर्म होकर चली। धूल के गुब्बार ने वाहन चालकों के साथ सांस रोगियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। धूल के कारण मौसम में घुटन बढ़ने ज्यादा बेचैनी देखने को मिली। हालांकि मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक इसी हाल में गुजरने का अलर्ट जारी किया है।
बुधवार सुबह मौसम में अचानक बदलाव हो गया। तापमान बढ़ने के साथ तेज हवाएं चली। राजस्थान से धूल लेकर चली हवाओं ने अधिक परेशानी खड़ी कर दी। लगभग 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा का चलना रिकार्ड किया गया है। जैसे-जैसे दिन चढ़ा तो समस्या अधिक बढ़ती गई। दोपहर को तापमान के पीक समय में आसमान धूल से पट गया। हवा कुछ देर के लिए शांत हुई तो घुटन हो गई। उमस ऐसी रही कि पंखे ही हवा में भी पसीना नहीं सूख पाया। सीजन में बुधवार का दिन सबसे मुश्किल भरा गुजरा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान से धूल के साथ हवाएं दिल्ली, हरियाणा के रास्ते उत्तर भारत में पहुंची है। यह हवाएं तापमान के साथ वातावरण में ऊपर उठ गई, जो आसमान में गुब्बारे की तरह छा गई। हालांकि यह धूल हवा के साथ मूव करेगी। जिधर हवा का रुख तेज होगा, उसी क्षेत्र में यह ज्यादा दिखाई देंगी। उधर, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डा. डीसी पांडे ने बताया कि हवा में धूल तैर रही है। इसमें अतिसूक्ष्म प्रदूषण के कण भी मौजूद हैं। हालांकि सामन्य स्थिति पर प्रति मीटर हवा में 100 माइक्रोघन पार्टीकल मौजूद रहते हैं, जो कोई खतरा नहीं रहता है। बुधवार को आसमान में जिस तरह से धूल के कण ऊपर उठे हैं। उनमें वाहनों के धुआं आदि के प्रदूषण के अलावा माइक्रोघन पार्टिकल की मात्रा 250 तक पहुंच गई है। यह अधिक खतरा नहीं है, लेकिन लगातार मौसम ऐसा ही बना रहा तो दिक्कत बढ़ेंगी। ऐसे में इंडस्ट्रियों को भी चेताया गया है, ताकि हवा में प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर कहा कि अगले दो दिनों तक आंधी-बारिश के साथ मौसम करवट बदल सकता है। सांस रोगियों को अधिक दिक्कत
जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. योगेंद्र त्रिखा ने बताया कि मौसम में गर्मी और सर्दी का असर अस्थमा के रोगियों पर भी दिखाई देता है। बुधवार को आसमान में धूल छायी रही और हवा भी गर्म रही है। ऐसे मौसम में अस्थमा रोगियों को सांस लेने में दिक्कत हुई। हवा के साथ धूल आगे बढ़ गई है।