वकीलों की हड़ताल समाप्त, काम पर लौटे
सिसौली को नई तहसील बनाने की प्रक्रिया के विरोध में 24 दिन से चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल बुधवार को समाप्त हुई। अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों ने अपने चैंबर खोल कामकाज आरंभ किया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। बुढ़ाना में सिसौली को नई तहसील बनाने के विरोध में 24 दिन से चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गई। अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखकों ने अपने चेंबर खोलकर विधिवत् कामकाज किया।
बुढ़ाना तहसील के गांव काटकर सिसौली को जनपद की पांचवीं तहसील बनाने के विरोध में 24 दिन तक अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक और टाइपिस्ट हड़ताल पर रहे। इस दौरान उन्होंने अपने चेंबर बंद रखे और रजिस्ट्री कार्यालय समेत तहसील कार्यों का बहिष्कार किया। बुधवार को बार एसोसिएशन के मीटिग हॉल में बैठक का आयोजन किया गया। सचिव विकास त्यागी ने बताया कि उनका प्रतिनिधिमंडल लखनऊ के राजस्व बोर्ड व बागपत में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गया था। दोनों जगह पर पता चला कि इस तरह का कोई प्रस्ताव ही नहीं है। आश्वस्त किया कि अभी ऐसी कोई योजना भी नहीं है। इस दौरान दोनों प्रतिनिधिमंडल ने चरथावल को तहसील बनाए जाने की पैरवी की। इस बात से सभी अधिवक्ताओं ने सर्वसम्मति से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का निर्णय लिया और अधिवक्ताओं ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मानक के विपरीत सिसौली को तहसील बनाने के प्रयास के पीछे राजनीतिक उद्देश्य बताया। इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबू सिंह राठी, विनोद त्यागी, अवध गर्ग, शौसिंह राणा, प्रशांत शर्मा, फिरोज मंसूरी, अभिषेक गोयल, ओमपाल सिंह, अचल सहरावत, राहुल आदि मौजूद रहे।