महिला आयोग की दखल पर विवाहिता पहुंची ससुराल
दुष्कर्म के मामले में राज्य महिला आयोग ने रिपोर्ट दर्ज करने को कहा। उत्पीड़न की शिकायत दर्ज नहीं करने पर थाना प्रभारी को लगाई फटकार।
मुजफ्फरनगर : उप्र राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रियंवदा तोमर ने महिला उत्पीड़न एवं घरेलू ¨हसा से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की। महिलाओं का दर्द सुनकर पुलिस अधिकारियों को आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। शिकायत दर्ज नहीं होने पर महिला थाना प्रभारी को फटकार लगाई।
कलक्ट्रेट सभागार में नौ महिलाओं ने आपबीती सुनाई। नाजिया ने कहा ससुराल वाले परेशान करते हैं। एक विवाहिता ने कहा कि शौहर दुबई चला गया है और फोन भी नहीं उठाता। ससुराल वाले घर में घुसने नहीं देते। अपर्णा ने कहा वह पति से अलग रहती है। उसकी आर्थिक मदद की जाए, जिस पर प्रियंवदा तोमर ने उसे स्वयं सहायता समूह से जोड़ने को जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिए। खतौली के गांव नंगली महाशय की पारुल ने कहा चार साल पूर्व उसकी शादी खेड़ी निवासी युवक से हुई थी। युवक वर्तमान में जनपद बुलंदशहर में सिपाही पद पर तैनात है। पति साथ नहीं ले जाता और सास परेशान करती है। घर में घुसने नहीं देती। वह मायके में ही रहना चाहती है। महिला आयोग की सदस्य ने महिला थाना प्रभारी को निर्देश दिए कि पीड़िता को तत्काल इसकी ससुराल छोड़ा जाए और प्रतिदिन इसके बारे में जानकारी ली जाए। एक घंटे में ही महिला पुलिस विवाहिता को लेकर ससुराल गई, जहां ससुरालियों ने विरोध किया। एक विवाहिता ने कहा कि शौहर ने अपनें मामा की लड़की से दूसरा निकाह कर लिया है। उसके दो बच्चे हैं। शौहर को दूसरे निकाह की सजा मिले। वह अपने बच्चों के साथ जीवन काट लेगी, लेकिन सौतन को बर्दाश्त नहीं कर सकती। एक विवाहिता ने कहा कि देवर ने उससे दुष्कर्म किया, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस पर सदस्य ने महिला थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के आत्म सम्मान से समझौता नहीं होना चाहिए। थाना प्रभारी से पूछा कि थानों में शिकायतों का निस्तारण क्यों नहीं होता? एक शिकायत उनके पास आई थी कि महिला थाने में 10 हजार रुपये लिए गए। इस प्रकार का कृत्य बर्दाश्त नहीं होगा। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर अजय अम्बष्ट, सीओ सिटी हरीश भदौरिया, महिला थाना प्रभारी मीनाक्षी शर्मा, प्रीता ¨सह आदि मौजूद रहे।