निजामुद्दीन मरकज प्रकरण : तब्लीगी जमात के गहरी जड़ की खुफिया तलाश Muzaffarnagar News
पुलिस बाहरी तौर पर निजामुद्दीन मरकज में गए एक-एक जमाती को तलाशकर क्वारंटाइन कर रही है लेकिन तब्लीगी जमात की गहरी जड़ों की खुफिया तलाश भी शुरू हो गई है।
मुजफ्फरनगर, [मनीष शर्मा]। Tabligi Jamaat कोराना वायरस से ग्रसित तब्लीगी जमातियों की लगातार बढ़ती संख्या चिंता बढ़ाने वाली है। फिलहाल पुलिस बाहरी तौर पर निजामुद्दीन मरकज में गए एक-एक जमाती को तलाशकर क्वारंटाइन कर रही है, लेकिन तब्लीगी जमात की गहरी जड़ों की खुफिया तलाश भी शुरू हो गई है। खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों की मानें तो पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, शामली, सहारनपुर समेत कई जिलों से तकरीबन सौ से ज्यादा नंबर सर्विलांस की जद में लिए जा चुके हैं। इतना ही नहीं विदेशी व बड़ी धनराशि के हस्तांतरण वाले कई बैंक खातों पर खुफिया विभाग की नजर है, जिनकी कुंडली कोराना संकट से उबरने के बाद खंगाली जानी तय है।
157 जमातियों की सूचना जारी की थी
तब्लीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज से निकले करीब 157 जमातियों की सूचना अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना ने जारी की थी, जिसमें तकरीबन आधे जमाती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, बागपत, बिजनौर से थे। अकेले मुजफ्फरनगर से 28 जमातियों ने निजामुद्दीन मरकज में शिरकत की थी। मुजफ्फरनगर में तकरीबन 400 क्वारंटाइन हैं, जबकि 12 नेपाली जमातियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अन्य जिलों में भी हालात ऐसे ही हैं। इससे एक बात तो साफ है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तब्लीगी जमात की जडं़े गहरी हैं।
साद के साथ सीधे तौर पर जुड़े हैं
तब्लीगी जमात के अमीर मौलाना साद का शामली के कांधला जिले का मूलनिवासी और सहारनपुर में ससुराल होना इसका बड़ा कारण है। मुजफ्फरनगर समेत इन जिलों से बड़ी संख्या में लोग मौलाना साद से सीधे तौर पर जुड़े हैं। पुलिस व खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के इन जिलों में बड़े स्तर पर विदेशी मुद्रा का फ्लो है। ऐसे में फॉरेन ट्रांजक्शन के साथ-साथ कई स्थानीय धनराशि हस्तांतरण को फिल्टर किया जा रहा है। इसके बाद चिह्न्ति खाताधारकों के तब्लीगी जमात से कनेक्शन की तफ्तीश की जाएगी।
सौ से ज्यादा नंबर रडार पर
सूत्र बताते हैं कि मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर, बागपत, शामली, अमरोहा के तकरीबन सौ से ज्यादा मोबाइल नंबर खुफिया विभाग के रडार पर हैं, जिनका संपर्क किसी न किसी तरह तब्लीगी जमातियों से रहा है। इनमें कई रसूखदार लोग भी शामिल हैं। हालांकि, फिलहाल पुलिस स्वास्थ्य दृष्टिकोण को सवरेपरि बताते हुए जांच व अन्य बिंदुओं पर अभी कुछ भी खुलकर बोलने से बच रही है। भविष्य में जरूरत पड़ने पर जांच की बात जरूर पुलिस अफसर कह रहे हैं।
गांवों तक पर गड़ीं खुफिया नजर
पर्दे के पीछे चल रही खोजबीन में खुफिया नजरें पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई गांवों पर गड़ी हैं। सूत्रों के मुताबिक, इनमें मुजफ्फरनगर जिले की बुढ़ाना और जानसठ तहसील के तीन-चार गांवों पर विशेष फोकस हैं। इसका अहम कारण बुढ़ाना में पिछले महीने हुए एक बड़े आयोजन का संदेह बढ़ाना हैं। इसके अतिरिक्त शामली व कैराना के गांव मसेत बिजनौर और अमरोहा सीमा क्षेत्र के इलाके पर खास फोकस है।
इनका कहना है
इस वक्त हमारे लिए तब्लीगी जमातियों के क्वारंटाइन पीरियड और स्वास्थ्य परीक्षण पर फोकस है। अभी तक मंडल से सैकड़ों जमातियों को क्वारंटाइन किया जा चुका है। बचे जमातियों को तलाशकर क्वारंटाइन किया जा रहा है। अन्य बिंदुओं पर जांच बाबत अभी हमें निर्देश नहीं मिले हैं।
- उपेंद्र अग्रवाल, डीआइजी सहारनपुर
करीब 400 जमातियों को क्वारंटाइन किया जा चुका है। इनमें नेपाल के विदेशी जमाती भी हैं। फिलहाल हम जमातियों को क्वारंटाइन कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर भविष्य में अन्य सभी बिंदुओं को परखा जाएगा।
- अभिषेक यादव, एसएसपी मुजफ्फरनगर