संस्कृत हमारे देश की पहचान : आनंदवेश
शुक्रतीर्थ गुरुकुल संस्कृत महाविद्यालय में 15 दिवसीय संस्कृत वाणी व्यवहार कार्यशाला शुरू।
मोरना : उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ द्वारा तीर्थ नगरी शुक्रतीर्थ स्थित गुरुकुल संस्कृत महाविद्यालय में 15 दिवसीय संस्कृत वाणी व्यवहार कार्यशाला आयोजित की गई। शुभारंभ मुख्य अतिथि स्वामी आनंदवेशजी महाराज एवं प्रधानाचार्य प्रेमशंकर मिश्र ने किया। कहा कि संस्कृत हमारे देश की पहचान है, भारत में ही वेद उत्पन्न हुए हैं। देश में ही नही अपितु विदेशों में भी संस्कृत सम्मानित हो रही है। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ से आए प्रशिक्षक विशाल शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा व्यवहार में लानी आवश्यक है। प्रशिक्षक डॉ. मुकेश भारद्वाज ने कहा कि हमारी पहचान संस्कृत से है, इसलिए संस्कृत में निपुर्णता आवश्यक है। उन्होंने संस्थान की पठन पाठन विधि और संस्कृत की आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला में आचार्य इंद्रपाल आर्य, सोमवीर ¨सह, विकास कुमार, घनश्याम शर्मा, मोनिका शर्मा, वैभव गर्ग आदि मौजूद रहे।