धान की फसल को चट कर गया रोग, किसान परेशान
धान की फसल को रोग ने घेर लिया है जिसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पूसा 1509 किस्म की धान में सर्वाधिक रोग की शिकायत आ रही हैं। इससे उत्पादन काफी कम होने की आशंका गहरा गई है।
मुजफ्फरनगर जेएनएन। धान की फसल को रोग ने घेर लिया है, जिसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पूसा 1509 किस्म की धान में सर्वाधिक रोग की शिकायत आ रही हैं। इससे उत्पादन काफी कम होने की आशंका गहरा गई है। गांव मखियाली, जटमुझेड़ा समेत कई गांव के किसानों ने कृषि विभाग में इसकी शिकायत की है। किसानों का कहना है कि उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव पर उनके स्टोर से ही धान का बीज खरीदा था। अब विभागीय अधिकारियों ने किसी प्रकार की सहायता करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
अगेती बोई गई धान की कटाई का कार्य शुरू हो गया है, जबकि पछेती फसल अभी 15 दिन बाद कटेगी। इस बार धान की पैदावारी सामान्य से कम है। दरअसल जनपद में अधिकांश किसानों ने पूसा 1509 किस्म की धान की बुवाई की है। इस प्रजाति को रोक ने जकड़ लिया है। किसानों को उम्मीद थी कि धान का उत्पादन पांच कुंतल प्रति बीघा रहेगा, लेकिन दो से तीन कुंतल प्रति बीघा औसत आ रहा है। यह हाल तो अगेती बुवाई की गई धान का है। पछेती बुवाई में और भी कम उत्पादन की आशंका है।
गांव मखियाली के किसान प्रदीप कुमार ने पांच और योगेश कुमार ने सात बीघा धान की फसल बोई है। दोनों का कहना है कि खेत की अच्छे से जुताई की। खाद की पूरी मात्रा डाली गई। कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव पर पूसा 1509 प्रजाति की धान की रोपाई कराई गई। विभाग के मंडी स्थित स्टोर से बीज लिया गया। इन सब के बावजूद धान में कई प्रकार के रोग लग गए। तना पीला पड़ गया और जड़ काली होकर गल गई। शेष फसल में बाली ठीक से नहीं आई हैं। इससे उत्पादन दो कुंतल प्रति बीघा निकल जाए तो गनीमत है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसी प्रकार की शिकायत जट मुझेड़ा के किसान वीर सिंह व भोपा के किसान सुभाष कुमार ने कृषि विभाग से की है।
इन्होंने कहा..
धान की फसल में रोग संबंधित कुछ शिकायत मिली हैं। कई किसानों के यहां निरीक्षण भी किया गया है। रोग केवल बीज की खराब गुणवत्ता से नहीं अन्य कारणों से भी आ सकता है।
- पवन कुमार विश्वकर्मा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी