ऑफर व ऋण सुविधा से वैतरणी पार की कवायद
वाली पर बाजार में धीरे-धीरे गर्मजोशी बढ़ने का अनुमान है। आर्थिक मंदी के बाद रियल स्टेट कारोबार में गिरावट दर्ज की गई है। त्यौहारी सीजन में बैंक लोन सरकार की सब्सीडी ने थोड़ी राहत पहुंचाई है। इसके चलते आशियाना खरीदने की चाहत लोगों में बढ़ी है लेकिन बैंक लोन का दरवाजा नौकरीपेशा के लिए खुला है। जबकि आम लोग अभी अछूते है। आम लोगों के सपनों को उड़ान देने के लिए दिवाली पर बिल्डर विशेष ऑफर देने की कोशिश में जुटे हैं। रोटी कपड़ा
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। दीपावली पर बाजार में धीरे-धीरे गर्मजोशी का अनुमान है। आर्थिक मंदी के बाद रियल स्टेट कारोबार में गिरावट दर्ज की गई है। त्योहारी सीजन में बैंक लोन, सरकार की सब्सिडी ने थोड़ी राहत पहुंचाई है। इसके चलते आशियाना खरीदने की चाहत लोगों में बढ़ी है, लेकिन बैंक लोन का दरवाजा नौकरीपेशा के लिए खुला है। जबकि आम लोग अभी अछूते हैं। आम लोगों के सपनों को उड़ान देने के लिए दिवाली पर बिल्डर विशेष ऑफर देने की कोशिश में जुटे हैं। रोटी, कपड़ा और मकान हर घर परिवार की जरूरत से जुड़ा है। बाजार का पहिया घूमने के लिए बेताब है। दिवाली पर रियल स्टेट कारोबार को भी काफी उम्मीद है। इसके लिए बिल्डरों, कॉलोनाइजरों ने ग्राहकों के लिए तैयारियां प्रारंभ कर दी है। पहले के मुकाबले इंवेस्टर्स घट गए हैं, इससे कारेाबार प्रभावित हुआ है।
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बैंक लोन के साथ सब्सिडी ने जगाई आशाएं
आशियाना खरीदने के लिए बैंकों ने लोन का दरवाजा खोला है, लेकिन यह मुफीद सरकारी नौकरीपेशा के लिए है। केंद्र सरकार ने भी पहला मकान खरीदने वालों के लिए सब्सिडी देने का वादा किया है। जिसके चलते विकास प्राधिकरण से प्रमाणित कॉलोनियों में अनेक तरह के फ्लैट, मकान और डुप्लेक्स तैयार कराए गए हैं। इन्हें खरीदने के लिए शिक्षकों का रुझान अधिक है। यह उन्हें बैंक से मिले लोन और उस पर सब्सिडी ने राह आसान कर दी। यदि बैंक से बीस लाख लोन मंजूर होता है तो 2.35 लाख से लेकर 2.67 लाख रुपये की सब्सिडी मिल रही है।
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ग्रुप हाऊस में बढ़ा रुझान
नई कॉलोनियों में सिगल से लेकर ग्रुप हाउस तक बनाए जा रहे हैं। ग्राहकों की पहली पंसद इन दिनों ग्रुप हाउस बने हैं। इनमें एक परिवार के संपूर्ण स्थान के हिसाब से कमरे, किचन और लॉन तैयार किया गया है। कम से कम आवासों का मूल्य 39 लाख रुपये प्रारंभ रखा गया है, जो अनेक सुविधाओं से लैस, बड़ी जगह आदि का दाम 67 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। बैंक लोन की ब्याज दर कम होने से कारोबार के बढ़ने की आशाएं अधिक हैं।
बोले कारोबारी
वसुंधरा रेजीडेंसी के बिल्डर अमित चौधरी ने कहा कि नवरात्र में कारोबार धीमा रहा है, लेकिन दिवाली के नजदीक बढ़ने अधिक संभावनाएं है। चूंकि बैंक लोन, सब्सिडी और ब्याज दर रकम होने से ग्राहक मकान खरीदने में दिलचस्पी ले सकते हैं। नौकरीपेशा के लिए बैंक ने दरवाजे खोल रखे हैं।
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पारस एन्क्लेव के बिल्डर संजय जैन ने कहा कि आर्थिक मंदी का असर पड़ा है। इनवेस्टर्स और ग्राहक दोनों ही कम है। दिवाली के निकट कारोबार की उम्मीद दिख रही है। इसको लेकर बिल्डर तैयारी में लगे हैं।