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गृहमंत्री के सामने संतों ने खींचा विकास का खाका

शुकदेव आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद सरस्वती महाराज ने तीर्थनगरी की समस्याओं को केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष रखते हुए कहा कि भगत ¨सह की प्रतिमा के अनावरण को आए, इसके लिए वह साधुवाद के पात्र हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 10:54 PM (IST)
गृहमंत्री के सामने संतों ने खींचा विकास का खाका
गृहमंत्री के सामने संतों ने खींचा विकास का खाका

मुजफ्फरनगर : तीर्थनगरी शुक्रतीर्थ के विकास को स्वामी ओमानंद सरस्वती महाराज समेत सांधु-संतों और भूतपूर्व सैनिकों ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ के सामने अनेक मांगें रखीं।

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गंगा तट गुरुवार को 'भारत माता की जय' व 'शहीदे आजम भगत ¨सह अमर रहें' के जयकारों से गूंज उठा। भागवतपीठ शुकदेव आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद सरस्वती महाराज ने तीर्थनगरी की समस्याओं को केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष रखते हुए कहा कि भगत ¨सह की प्रतिमा के अनावरण को आए, इसके लिए वह साधुवाद के पात्र हैं। पहले जब राजनाथ ¨सह आए थे तो स्वामी कल्याणदेवजी महाराज से मुख्यमंत्री के रूप में आशीर्वाद लेकर गए थे, अब देश के गृहमंत्री हैं। जिस प्रकार अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि व मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि हैं उसी प्रकार शुकतीर्थ शुकदेव मुनि की कर्मभूमि है। लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं, लेकिन स्नान की उचित व्यवस्था नहीं है।

राजनाथ ¨सह ने कहा कि स्वामी ओमानंद सरस्वती महाराज अद्भुत संत हैं। वह युवाओं की शिक्षा, गरीबों की रोटी और कपड़े के लिए चिंतित रहते हैं। शुकतीर्थ का जिक्र महावीर कालीदास ने अपनी रचना में किया है। महाभारतकालीन सभ्यता के यहां अवशेष हैं। सीमा पर गतिविधियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पाकिस्तान 'किट-पिट' करता रहा है। समय-समय पर भारतीय सैनिक मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। कहा कि पूर्व में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की, जिसे लोगों ने 'ओबामा केयर' का नाम दिया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों को आवास मुहैया करा रहे हैं। गृहिणियों को रसोई सिलेंडर दे रहे हैं। जनधन योजना से कर्ज मिल रहा है, शौचालय बनाए गए हैं, यह मोदी कवच है। ये रखी गई प्रमुख मांगें

- शुकतीर्थ में गंगा की मुख्य धारा लाई जाए।

- कारगिल स्मारक के समीप विश्राम गृह बने।

- गंगातट पर पुस्तकालय का निर्माण कराया जाए।

- पर्यटन केंद्र के रूप में तीर्थनगरी को बढ़ावा मिले।

- वीआइपी अतिथि गृह की स्थापना की जाए।


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