मूंछ के बेटे ने नौकर संग मिलकर की थी असबाब की हत्या
25 हजार का इनामी आरोपित वासु उर्फ उत्तम चौधरी गिरफ्तार। सुशील मूंछ के बेटे मंजीत सहित छह आरोपित चल रहे फरार।
मुजफ्फरनगर : खतौली कस्बे में 11 मार्च को भरे बाजार हुई दूध विक्रेता की हत्या एक लाख के इनामी कुख्यात सुशील मूंछ के बेटे मंजीत उर्फ टोनी ने अपने नौकर और पांच अन्य साथियों के साथ मिलकर की थी। खतौली पुलिस ने इस मामले में मूंछ के बेटे के नौकर और 25 हजार के इनामी बदमाश वासु उर्फ उत्तम चौधरी उर्फ दीपक को गिरफ्तार कर लिया। वारदात के पीछे पूर्व में हुए दोहरे हत्याकांड में दबाव के बावजूद समझौता नहीं करने की बात सामने आई है।
शनिवार को एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता कर बताया कि 11 मार्च की शाम 7.45 पर खतौली में इन्दिरा चौक अग्रवाल डेरी के पास दूध विक्रेता वहाब उर्फ असबाब की हत्या कर दी गई थी। मौके से एक पिस्टल भी बरामद किया गया था। मामले की जांच खतौली कोतवाली प्रभारी निरीक्षण हरशरण शर्मा कर रहे थे। एसएसपी ने बताया कि वर्ष 2013 में दंगे के दौरान मृतक के दो भाइयों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक वादी और गवाह भी था। उक्त हत्याकांड को गोलू उर्फ अमरदीप पुत्र रविद्र, श्रीकांत उर्फ बल्लू पुत्र विक्रम, सहदेव पुत्र किरणसिंह, अजित पुत्र जगपाल, मनजीत उर्फ टोनी पुत्र सुशील मूंछ, मोन्टी पुत्र रणवीर निवासीगण मथेड़ी व वासु उर्फ उत्तम चौधरी उर्फ दीपक पुत्र राजकुमार चौधरी
निवासी सहारनपुर हाल निवासी मथेड़ी ने अंजाम दिया था। उक्त हत्याकांड में मृतक की गवाही होने वाली थी। आरोपितों ने वकील के माध्यम से मृतक पर फैसले का दबाव बनाया था। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मृतक फैसले के लिए तैयार नहीं था, जिसके चलते उक्त लोगों ने असबाब की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि शनिवार को खतौली पुलिस को सूचना मिली थी कि एक हत्यारोपी बाइक पर सवार होकर जा रहा है। सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर हत्यारोपी 25 हजारी वासु उर्फ उत्तम चौधरी उर्फ दीपक को हत्या में प्रयुक्त 38 बोर के रिवाल्वर और बाइक के साथ दबोच लिया। एसएसपी ने बताया कि सुशील मूंछ के पुत्र व फरार आरोपित मंजीत उर्फ टोनी व अन्य पांच आरोपितों की गिरफ्तारी पर भी 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। इस दौरान एसपी सिटी सतपाल अंतिल भी मौजूद रहे। दंगे के दौरान हुई थी दोनों भाइयों की हत्या
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में साफ किया कि वहाब उर्फ असबाब के दो भाइयों की हत्या 2013 में दंगे के दौरान जरूर हुई थी, लेकिन उक्त दोहरे हत्याकांड का दंगे से कोई लेना-देना नहीं था। बताया कि विवेचना में सामने आया था कि उक्त दोहरे हत्याकांड को किसी महिला के चक्कर में अंजाम दिया गया था।