लाइट को लेकर नेडा-ग्राम सचिव आमने-सामने
महंगी बताकर नेडा विभाग की लाइट लगाने से किया इन्कार, नेडा ने लगाया निजी कंपनियों से कमीशन का आरोप
मुजफ्फरनगर : ग्राम विकास अधिकारी और प्रधानों ने महंगी बताकर सरकारी विभाग नेडा की लाइटों को लगाने से इंकार कर दिया है। उधर, नेडा के अधिकारियों के आरोप है कि सचिव और प्रधानों के निजी कंपनियों से कमीशन फिक्स है। नेडा अधिकारियों ने डीएम से सचिवों की शिकायत की है।
चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने और गली-मोहल्लों में रोशनी के लिए शासन ने गांवों में सोलर लाइट लगाने की योजना बनाई है। प्रशासन ने बागडोर सचिवों और प्रधानों के हाथ में दे रखी है। छह माह पूर्व सोलर लाइट लगवाई गई। इनकी धनराशि और गुणवत्ता को लेकर शिकायतों का अंबार लग गया। इस पर डीएम ने केवल नेडा विभाग की सोलर लाइट लगवाने का आदेश जारी कर दिया। सचिवों और प्रधानों ने नेडा की लाइटों से हाथ खींच लिए हैं। सचिवों ने डीपीआरओ को तर्क दिया है कि इनकी गुणवत्ता घटिया है। कुछ समय बाद ही बैटरी काम करना बंद कर देती है। उधर, नेडा ने आरोप निराधार बताते हुए प्रधान और सचिवों को ही आरोपों के घेरे में खड़ा कर दिया है। डीएम राजीव शर्मा ने बताया कि नेडा विभाग की सोलर लाइट लगवाने के लिए डीपीआरओ निर्देश दिए गए हैं। सचिव मनमानी करेंगे तो कार्यवाही होगी।
परियोजना अधिकारी नेडा मौ. जावेद खान ने बताया कि विभागीय लाइटों की गुणवत्ता उच्च कोटि की है। पांच साल की गारंटी भी विभाग देता है। बॉक्स, बैटरी, लाइट समेत पूरी उपकरण की कीमत 21,400 रुपए हैं।