कवाल कांड के दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट के बाहर हंगामा
मुजफ्फरनगर के कवाल कांड में सात आरोपियों को सजा सुनाए जाने के बाद परिजनों ने कोर्ट के बाहर नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कवाल कांड के आरोपियों को सजा सुनाए जाने के बाद परिजनों ने कोर्ट के बाहर नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि आज सजा सुनाए जाने के समय पुलिस-प्रशासन की ओर से कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए थे। वादी पक्ष के अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि इस मामले में मृतक गौरव के पिता रविन्द्र की ओर से जानसठ कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। कवाल की घटना के बाद ही सात सितंबर को जिले में दंगा भड़क गया था, जिसमें 65 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। दोपहर सजा के बाद दोषियों के कोर्ट के बाहर निकलते ही परिजनों ओर रिश्तेदारों ने हंगामा और नारेबाजी करने वालों को पुलिस ने कचहरी से बाहर खदेड़ दिया।
क्या था 2013 का घटनाक्रम
उल्लेखनीय है कि 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर की जानसठ तहसील के कवाल गांव में शाहनवाज की हत्या के बाद मलिकपुरा गांव निवासी सचिन और गौरव की पीटकर हत्या कर दी गई थी। गौरव के पिता रविन्द्र ने मृतक शाहनवाज सहित सात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के बाद महापंचायतों का दौर चला। सात सितंबर को जिलेभर में सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था। इसमें 65 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। 40 हजार से अधिक लोगों को दहशत के चलते पलायन करना पड़ा। उधर, सचिन व गौरव की हत्या के मामले में मुकदमे की सुनवाई पूरी कर एडीजे-7 हिमांशु भटनागर की अदालत ने बुधवार को इस मामले में आरोपित कवाल निवासी मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, नदीम, जहांगीर, इकबाल व अफजाल को हत्या, बलवा, घातक हथियारों से लैस होकर हमला, बलवा, जान से मारने की धमकी देने और विधि विरुद्ध जमाव के आरोपों में दोषी ठहराया था। सजा पर सुनवाई की तिथि आठ फरवरी निर्धारित की थी। मुजस्सिम व मुजम्मिल के पिता नसीम ने अदालत के फैसले को अल्लाह का फैसला बताया, जबकि सचिन व गौरव के परिजनों ने दोषियों को कड़ी सजा की उम्मीद जताई है।
हत्या के पीछे मामूली कहासुनी
कवाल कांड के बाद ही मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क उठा था। घटना वाले दिन कवाल में तीन युवकों की हत्या हुई थी। मारे गए युवकों में एक पक्ष से शाहनवाज था, जबकि दूसरे पक्ष से सचिन व गौरव थे। मलिकपुरा निवासी रविन्द्र ने जानसठ थाने में 27 अगस्त 2013 को दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया था कि उनका पुत्र गौरव कुमार नंगला इंटर कॉलेज में कक्षा-12 का छात्र था, जो प्रतिदिन कवाल से होकर कॉलेज जाता था। उन्होंने बताया था कि 26 अगस्त को जब गौरव कॉलेज जा रहा था तो कवाल में साइकिल टकराने से उसकी कहासुनी मुजस्सिम से हो गई थी। दर्ज कराई एफआइआर में रविन्द्र ने बताया था कि इस बात की जानकारी गौरव ने उसी दिन स्कूल से लौटकर उन्हें दी थी। जबकि शाहनवाज के पिता सलीम ने एफआइआर दर्ज कराते हुए बताया था कि उनके पुत्र शाहनवाज उर्फ कलुआ व गौरव पुत्र रविन्द्र निवासी मलिकपुरा की मोटरसाइकिलों की 27 अगस्त को 12 बजे टक्कर हो गई थी। इसके बाद बाद आरोपितों ने शाहनवाज की हत्या कर दी थी।