धान से भरे गोदाम, लक्ष्य से अधिक खरीद
जनपद में धान की खरीद से इस बार गोदाम भर गए हैं। धान की खरीद शुरू होने के बाद 15 दिन में ही खरीद का लक्ष्य विभाग ने पार कर लिया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जनपद में धान की खरीद से इस बार गोदाम भर गए हैं। धान की खरीद शुरू होने के बाद 15 दिन में ही खरीद का लक्ष्य विभाग ने पार कर लिया।
गेहू खरीद के बाद अक्टूबर महीने में धान की खरीद भी शुरू हुई। जिला खाद्य एवं विपणन विभाग ने धान खरीद के लिए 9 केंद्र निर्धारित किए। इसमें खाद्य विभाग के मुजफ्फरनगर, पुरकाजी, मोरना, जानसठ और चरथावल में एक-एक केंद्र हैं, जबकि पीसीएफ के तीन और भारतीय खाद्य निगम का एक केंद्र निर्धारित हैं। इन केंद्रों पर किसानों के लिए एक अक्टूबर से 31 जनवरी तक धान खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। इस वर्ष धान खरीद के लिए जनपद को 400 मीट्रिक टन का लक्ष्य मिला था। क्रय केंद्रों पर किसानों के तेजी से बढ़े रूझान ने 15 दिनों में ही धान खरीद के लक्ष्य को पार कर दिया। विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 17 अक्टूबर तक जनपद में सामान्य 1868 प्रति कुंतल तथा ग्रेड-वन 1888 प्रति कुंतल के भाव से 404.90 मीट्रिक टन धान खरीदी जा चुकी है। धान खरीद के बाद किसानों को 75.64 लाख से अधिक रुपये का भुगतान भी हो गया है।
पिछले वर्ष लक्ष्य पूरा करने में छूटे थे पसीने
वर्ष 2019-20 में धान खरीद की शुरुआत के बाद 15 दिन में लक्ष्य का 35 प्रतिशत भी धान नहीं खरीदा गया था। पूरे सीजन में जनपद में 300 मीट्रिक टन धान खरीद हुई थी, जबकि लक्ष्य 200 मीट्रिक टन दिया गया था। इस वर्ष जनपद को लक्ष्य भी दोगुना बढ़ाकर दिया गया। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस वर्ष हरियाणा व अन्य राज्यों के बार्डर धान लाने-ले जाने के लिए सील हैं। इसके चलते दलाल किसानों से धान नहीं खरीद रहे हैं। इसलिए किसान जनपद के क्रय केंद्रों पर ही अपना धान बेच रहे हैं।
इन्होंने कहा
धान खरीद के लिए 400 मीट्रिक टन का लक्ष्य विभाग को मिला है, जो 15 दिनों में ही पूरा हो गया है। धान क्रय की निर्धारित तिथि तक किसानों से धान लिया जाएगा। इस वर्ष धान का सामान्य मूल्य 1868 रखा गया है। किसानों का रूझान क्रय केंद्रों पर दिखाई दे रहा है, जो जनपद में धान की कमी नहीं होने देगा।
-कमलेश कुमार, जिला विपणन अधिकारी, मुजफ्फरनगर