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वृद्धजनों की सेवा करना पुण्य कर्म है : ओमानंद

पौराणिक तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम में सोमवार को वृद्ध महिला साधु-संतों गौशाला सेवक रसोईया व सफाई कर्मचारियों आदि जरूरतमंदों को कंबल जर्सी ग

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 11:27 PM (IST)
वृद्धजनों की सेवा करना पुण्य कर्म है : ओमानंद
वृद्धजनों की सेवा करना पुण्य कर्म है : ओमानंद

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पौराणिक तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम में सोमवार को वृद्ध महिला साधु-संतों, गौशाला सेवक, रसोइया व सफाई कर्मचारियों आदि जरुरतमंदों को कंबल, जर्सी गर्म वस्त्र वितरित करते हुए पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने कहा कि असहाय, जरूरतमंद और वृद्धजनों की सेवा करना बहुत ही पुण्य कर्म है। परोपकार की भावना से किया गया दान पुण्य कर्म है। गरीब, असहाय और जरूरतमंद की अपनी सामर्थय के अनुरूप सेवा करनी चाहिए। जीवन में पुण्य कर्म सौभाग्य शाली लोगों को ही मिलता है। उन्होंने स्वैच्छिक संगठनों व समाज के धनी लोगों से जरूरतमंद लोगों को सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़े वितरित करने का आह्वान किया। इससे पूर्व स्वामी जी ने सैकड़ों वृद्ध महिला साधु-संतों, गौशाला सेवक, रसोइया व सफाई कर्मचारियों को सर्दी से बचने के लिए कंबल, जर्सी गर्म वस्त्र वितरित किए। गाजियाबाद से आए परियोजना प्रबंधक विक्रम सिंह, वास्तुविद पंडित प्रेम स्वरूप शर्मा, अर्जुन सिंह, कथा व्यास अचल कृष्ण शास्त्री, राजू, गिरजा देवी, सुमत बाई, गीता बाई, शांति बाई, सावित्री बाई, कमला बाई, ओमबती आदि मौजूद रहे।

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