पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विधायक उमेश मलिक व साध्वी प्राची के खिलाफ गैर जमानती वारंट
एसआइटी ने प्रकरण की जांच कर आरोपितों के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट जमा कर दी थी। सुनवाई एसीजेएम-दो अंकुर शर्मा के न्यायालय में चल रही है।
मुजफ्फरनगर (जेएनएन)। वर्ष 2013 में हुए दंगे से जुड़े मामले में न्यायालय में पेश नहीं होने पर सांसद एवं पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान, भाजपा विधायक उमेश मलिक और हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। अगली तिथि 22 जून को होगी।
31 अगस्त 2013 को गांव नगला मंदौड़ में बहू-बेटी बचाओ पंचायत आयोजित हुई थी। पंचायत के मामले में दो समुदायों में वैमनस्य पैदा करने वाला भड़काऊ भाषण (धारा 153-ए) देने सहित, धारा 144 का उल्लंघन व 7-क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट के अंतर्गत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें भाजपा से मौजूदा थानाभवन विधायक एवं गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री व सांसद डा. संजीव बालियान, बिजनौर सांसद कुंवर भारतेन्द्र सिंह, बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक, साध्वी प्राची, पूर्व ब्लॉक प्रमुख वीरेन्द्र सिंह, चेयरमैन श्यामपाल सहित 14 लोगों को नामजद किया गया था।
एसआइटी ने प्रकरण की जांच कर आरोपितों के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट जमा कर दी थी। सुनवाई एसीजेएम-दो अंकुर शर्मा के न्यायालय में चल रही है। बचाव पक्ष के वकील चन्द्रवीर सिंह ने बताया कि न्यायालय ने सुनवाई की तिथि 29 मई नियत की थी, लेकिन पेश न होने पर न्यायालय ने सांसद डॉ. संजीव बालियान, मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना से भाजपा विधायक उमेश मलिक और साध्वी प्राची के गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। वहीं डॉ. संजीव बालियान का कहना है कि चुनाव में व्यस्त होने के कारण वह न्यायालय में पेश नहीं हो सके। अगली तिथि पर पेश होंगे।
मंत्री राणा और सांसद भारतेन्द्र को हाजिरी माफी : नामजद 14 आरोपियों में से गन्ना राज्यमंत्री एवं थानाभवन विधायक सुरेश राणा, बिजनौर सांसद कुंवर भारतेन्द्र सिंह और सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम भी शामिल हैं। सुनवाई के लिए नियत की गई तिथि 29 मई को तीनों नेता न्यायालय में पेश नहीं हुए थे, लेकिन इनके अधिवक्ताओं की ओर से उनकी हाजिरी माफी के प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिए गए थे।