कोई हिदू न मुसलमान, सब इंसान : धर्मगुरु बाकरी
आर्य समाज रोड स्थित सादात हॉस्टल में कनाडा से आए शिया धर्मगुरु मोहम्मद जकी बाकरी ने खिताब फरमाया। उन्होंने कहा कि दीन-ए-इस्लाम मोहब्बत बांटने का नाम है। मुस्लिम अगर खुदा के दिखाए रास्ते और हिदू भगवान के बताए मार्ग पर चलकर जिदगी गुजारे तो दुनिया में कहीं कोई फसाद पैदा नहीं हो सकेगा।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। आर्य समाज रोड स्थित सादात हॉस्टल में कनाडा से आए शिया धर्मगुरु मोहम्मद जकी बाकरी ने खिताब फरमाया। उन्होंने कहा कि दीन-ए-इस्लाम मोहब्बत बांटने का नाम है। मुस्लिम अगर खुदा के दिखाए रास्ते और हिदू भगवान के बताए मार्ग पर चलकर जिदगी गुजारे तो दुनिया में कहीं कोई फसाद पैदा नहीं हो सकेगा। लोगों से पैगम्बर और हजरत इमाम हुसैन के बताए मार्गों, उसूलों पर जिदगी गुजारने के लिए आह्वान किया।
शिया धर्मगुरु जनाब मोहम्मद जकी बाकरी (कनाडा) ने मोहम्मद महदी मरहूम इब्ने, मोहम्मद जमील मरहूम सैदपुरा कलां के इसाले सवाब की मजलिस को खिताब किया। उन्होंने कहा कि दीन मोहब्बत बांटने का नाम है न कि नफरत बांटने का। मुस्लिम अगर सच के रास्ते पर चलकर खुदा को समझ ले और हिन्दू भगवान के बताए हुए सच्चे और सही रास्ते पर चले तो मुल्क में किसी प्रकार का कोई फसाद ही पैदा नहीं होगा। दुनिया में रहकर किसी को दुख मत देना, किसी का माल मत हड़पना, किसी को सताना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया में न कोई हिन्दू है और न कोई मुसलमान है। यहां सब इंसान है। मजलिस में मुख्य रूप से पूर्व सांसद सईदुज्जमा, पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस, शहनाज आलम प्रधान बिहारी, शमीम हैदर, मोहम्मद अफरोज, रौनक अली जैदी एडवोकेट, जैगम मियां जैदी एडवोकेट, नईम हैदर एडवोकेट, कौसर जैदी एडवोकेट, असगर मेहदी एडवोकेट, मौलाना बाकर काजमी, मौलाना अरशद काजमी आदि मौजूद रहे।