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मीरापुर और चरथावल पर नए चेहरों की परीक्षा

भाजपा ने सभी छह विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। मीरापुर और चरथावल विधानसभा सीट पर नए चेहरों को उतारा है। मीरापुर सीट पर एक बार फिर बाहरी प्रत्याशी को उतारने से क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। हालांकि चरथावल सीट पर पूर्व राज्यमंत्री विजय कश्यप की धर्मपत्नी को टिकट देकर भाजपा हाईकमान ने तीन दिन से हो रहे विरोध को दबाने का प्रयास किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 11:20 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 11:20 PM (IST)
मीरापुर और चरथावल पर नए चेहरों की परीक्षा
मीरापुर और चरथावल पर नए चेहरों की परीक्षा

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। भाजपा ने सभी छह विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। मीरापुर और चरथावल विधानसभा सीट पर नए चेहरों को उतारा है। मीरापुर सीट पर एक बार फिर बाहरी प्रत्याशी को उतारने से क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। हालांकि चरथावल सीट पर पूर्व राज्यमंत्री विजय कश्यप की धर्मपत्नी को टिकट देकर भाजपा हाईकमान ने तीन दिन से हो रहे विरोध को दबाने का प्रयास किया है।

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विधानसभा सीट मीरापुर और चरथावल लंबे समय से सुर्खियों में है। पांच साल पहले दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीते थे। चरथावल से विजय कश्यप और मीरापुर से अवतार सिंह भड़ाना विधायक बनें। बाद में मंत्री पद नहीं मिलने पर अवतार सिंह भड़ाना इस्तीफा देकर कांग्रेस में चले गए। भाजपा ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और न ही उप चुनाव कराया। अवतार सिंह भड़ाना के चुनाव जीतकर फिर वापस नहीं आने पर क्षेत्रवासियों में आक्रोश है। भाजपा संगठन के माध्यम से लोगों ने पार्टी हाईकमान को संदेश दिया कि इस बार बाहरी प्रत्याशी को न उतारा जाए। इसके बावजूद यहां भाजपा ने फिर से बाहरी प्रत्याशी प्रशांत गुर्जर को मैदान में उतार दिया है। जिसका भारी विरोध हो रहा है। ऐसे में इस बार बाहरी प्रत्याशी के लिए ढेरों चुनौतियां हैं। चुनाव में भाजपा और प्रत्याशी की कठिन परीक्षा के कयास लगाए जा रहे हैं।

चरथावल विधानसभा सीट से पूर्व राज्यमंत्री विजय कश्यप की कोरोना से मौत के बाद इस सीट समीकरण बदले हैं। विजय कश्यप सपा प्रत्याशी मुकेश चौधरी से 22 हजार वोटों से अधिक से जीते थे। इस बार उनकी धर्मपत्नी सपना कश्यप के लिए राह आसान नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि क्षेत्र के बड़े तबके का मानना है कि सहानुभूति की नाव पर सवार सपना कश्यप को संगठन का साथ मिला है। इससे उनकी नाव चुनावी दरिया पार कर सकती है। इस सीट पर तीन दिन से बाहरी प्रत्याशी को लेकर जो विरोध हो रहा था सपना कश्यप का टिकट होते ही वह शांत होता दिखाई दे रहा है।


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