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Muzaffarnagar : जेल में बंद 218 मुस्लिम बंदियों ने रखेे नवरात्र के व्रत, दे रहे साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश

Muslims keep Navratri fast मुजफ्फरनगर में कारागार की गगनचुंबी दीवारों के पीछे से दिया जा रहा साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश। यहां पर बंद 218 मुस्लिम बंदियों ने रखा है इस बार नवरात्र का व्रत। साथ ही व्रत रखने वाले बंदी मां भगवती की पूजा अर्चना कर रहे हैं।

By Sandeep KumarEdited By: PREM DUTT BHATTPublished: Sun, 02 Oct 2022 11:32 AM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 11:32 AM (IST)
Muzaffarnagar : जेल में बंद 218 मुस्लिम बंदियों ने रखेे नवरात्र के व्रत, दे रहे साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश
Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर जेल में मुस्लिम बंदियों ने रखा नवरात्र का व्रत।

संदीप चौधरी, मुजफ्फरनगर। Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर की जिला कारागार की गगनचुंबी दीवारों के पीछे से मुस्लिम बंदी साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दे रहे हैं। कारागार में बंद मुस्लिम महिला-पुरूष बंदी नवरात्र का व्रत रखकर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे हैं। जेल प्रशासन भी व्रत रखने वाले बंदियों को जेल मैन्युअल के अनुसार खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है।

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बदला-बदला जेल का नजारा

कभी सूबे की संवेदनशील जेल में शुमार रही कारागार में फिलहाल नजारा बदला हुआ दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां पूरे देश में नवरात्र में लोग व्रत रखकर मां भगवती की पूजा अर्चना कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर जिला कारागार में हिंदू बंदियों के साथ-साथ मुस्लिम बंदी भी व्रत रखने में पीछे नहीं है। जिला कारागार में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के बंदी बंद है।

218 मुस्लिम बंदी रख रहे व्रत

इन बंदियों में से 218 मुस्लिम बंदी नवरात्र का व्रत रख रहे हैं जिनमें पांच महिला बंदी भी शामिल है। व्रत रखने वाले बंदी मां भगवती की पूजा अर्चना कर रहे हैं। जिला प्रशासन भी व्रत रखने वाले बंदियों का ख्याल रखने में पीछे नहीं है। जेल प्रशासन व्रत रखने वाले महिला-पुरूष बंदियों को दूध, फल, उबले हुए आलू और पूजा पाठ की सामग्री उपलब्ध करा रहा है। व्रत रखने वाले मुस्लिम बंदी कारागार की गगनचुंबी दीवारों के पीछे से साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे हैं। जिला कारागार में बंद मुस्लिम महिला और पुरूष बंदियों ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी व्रत रखा था।

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बदल रहा जेल का माहौल तो मिला आइएसओ प्रमाणपत्र

बीते डेढ साल से कारागार का माहौल पूरी तरह बदला हुआ है। कारागार में बंदियों के लिए योग, सिलाई कढाई, कंप्यूटर, बैग बनाना आदि का प्रशिक्षण शिविर चलाया जा रहा है। बंदियों के लिए कारागार में पुस्तकालय भी बनाया गया है। समय-समय पर बंदियों के लिए श्रीमदभागवत कथा, श्रीराम कथा समेत अन्य आयोजन किए जाते हैं जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के बंदी भाग लेते हैं। जेल के बदले माहौल के चलते इंटरनेशनल आग्रेनाइजेशन फार स्टैंडर्डाइजेशन द्वारा कारागार को आइएसओ 9001:2015 प्रमाणपत्र दिया गया था।

इनका कहना है

जिला कारागार में बंद 218 मुस्लिम महिला और पुरूष बंदी नवरात्र का व्रत रख रहे हैं। सभी को जेल मैन्युअल के अनुसार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

- सीताराम शर्मा, जिला कारागार अधीक्षक

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